Friday, September 29, 2017

करीना कूपर है मेरी रोल माडल -वेैशाली ठक्कर


*ससुराल सिमर की अंजली ने खरगोन में मनीष मड़ाहर से की विशेष बातचीत*

*खरगोन।(मनीष मड़ाहर )* * एक्टिंग का शौक बचपन से ही रहा है। टीवी के जरिए दर्शकों का जो सपोर्ट मिला है, उससे मेरा कॉन्फिडेंस और बढ़ गया। मेरी रोल मॉडल करीना कपूर हैं। मैं उनके साथ फिल्म में काम करना चाहती हूं। फिलहाल मैं कुछ और सीरियल्स की शूटिंग में बिजी हूं।

ये रिश्ता क्या कहलाता है में अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाली वैशाली ठक्कर एक गरबा कार्यक्रम के लिए खरगोन आई। ईएमआरसी से ग्रेजुएशन करने के बाद वैशाली ने सीधे मुंबई की राह पकड़ी। वे आश्वस्त हैं, टीवी की तरह बॉलीवुड में भी स्वीकारा जाएगा। वैशाली ने बताया, नए साल में वे नए सीरियल में लीड रोल करती नजर आएंगी। वैशाली का कहना है, फैमिली का सपोर्ट नहीं होता तो इस मुकाम पर नहीं पहुंचा जा सकता था। मेरे सपने पूरे करने के लिए फैमिली ने भी मुझे एक्टर बनाने का सपना संजो लिया।

वैशाली ठक्कर ने चर्चा में कहा दृढ़ संकल्प और मजबूत हौसले हर सफर को आसान कर देते हैं। राह में कई मोड़ और रुकावटें भी आती हैं लेकिन घबराने की जगह इनका डटकर सामना करना चाहिए।  उन्होंने बताया कि वे इंदौर में ही पली-बढ़ी हैं। उन्होंने बताया कि वे अब छोटे पर्दे से बड़े पर्दे का सफर शुरू करेंगी। सब कुछ ठीक रहा तो आगामी वर्षों वे बड़े पर्दे पर भी दिखाई देंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि वे उन्होंने स्टार प्लस के लोकप्रिय शो ये रिश्ता क्या कहलाता है के साथ अपनी शुरुआत की। वर्तमान में,टीवी सीरियल ससुराल सिमर का में अंजली का किरदार निभा रही हैं।


*कैरियर एक नजर मे*

 एक मेजबान के रूप में अपना करियर ये रिश्ता क्या कहलाता सिरीयल से शुरू किया ,उसके बाद ज़ीटीवी के शो यह वादा राहा में सिमरन की भूमिका के रोल को प्ले किया जिसमें उनकी भूमिका स्टोरी में बहुत सारे मोड़ लाती है। 2016 में, उसने अंजली की रंगीन टीवी शो के शोसाल सिमर का में समांतर लीड रोल किया ।
2015 ये रिश्ता क्या कहलाता है संजना डेब्यू शो
2015-2016 ये वादा राहत सिमरन सहायक भूमिका

2016 ये है आशिकी (सीजन 4) वृंदा एपिसोडिक रोल (एपिसोड 9)
2016-2017 ससुरल सिमर का अंजली समीर कपूर लीड रोल

*जल्द ही फिल्मो में*

वैशाली ठक्कर ने बताया कि अभी हाल ही में तीन फिल्मे साईन की है ।  तीनो ही फिल्मों में अच्छे रोल मिले है फिल्म के हिरो के बारे में बताया कि तीनों ही चेहरे नये है फिल्मों को बनने में अभी दो वर्ष है ,जल्द यूरोप जा रही हूं। अभी फिल्म के बारे डिस्क्लोज नहीं करूंगी।

*कास्टिंग काउच :* फिल्म इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच पर कहा यदि एक्ट्रेस न चाहे तो कोई कुछ भी नहीं कर सकता। फिल्म इंडस्टीज में अच्छे और बुरे दोनो ही तरह के लोग है ये आप को पहचानना है । बुरे लोगो के कारण ही फिल्म इंडस्टीज बदनाम है । उनसे सावधान रहने को बताया ।

*ब्लू व्हेल से बचाये :*
बच्चों को मोबाईल से दुर ही रखे,आप के बच्चे क्या रहे है,नजर रखे कौन से गेम डाऊनलोड कर रहे है  ऐसे गेमो से बचाये क्योकि जिन्दगी एक बार मिलती है उसको पुरी तरह से एंन्जाय करो ।

*आम लोगो से मिली और ली सेल्फीयॉ :*
 आंनदउत्सव गरबा  कार्यक्रम में उस वक्त लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब ससुराल सिमर की अंजली स्टेज से पांडाल में पहुंची और आम लोगों के बीच जाकर गरबा भी किया. इस दौरान वैशाली ठक्कर के साथ सेल्फी खिंचवाने वालों की भी कमी नहीं थी. लोगों ने वैशाली ठक्कर के साथ खूब सेल्फी ली । 

जनसम्पर्क मंत्री डॉ. मिश्र ने किया खाद बिक्री केन्द्र का शुभारंभ

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भोपाल : सितम्बर 28, 2017,  जनसंपर्क, जल-संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने दतिया जिले के गोराघाट में आज खाद बिक्री केन्द्र का शुभारंभ किया।

मंत्री डॉ. मिश्र ने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार हर कदम उठा रही है। किसानों को अपने गाँव के नजदीक अच्छी कंपनी, उचित दामों पर रासायनिक खाद और कीटनाशक दवायें उपलब्ध हों इसके लिए इस केन्द्र का शुभारंभ किया गया है।

 उन्होंने कहा कि खाद बिक्री केन्द्र से किसान सरकारी दरों पर सभी प्रकार की खाद तथा दवायें ले सकते हैं। उनके श्रम और समय की भी बचत होगी। इफको कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि कंपनी द्वारा निर्धारित दरों पर रासायनिक उर्वरक खाद बिक्री केन्द्र के माध्यम से उपलब्ध होगा। इस अवसर पर जन-प्रतिनिधि तथा किसान उपस्थित थे।

Thursday, September 28, 2017

विधायक के भतीजे ने एक महिला के साथ दुष्कर्म किया ..मामला दर्ज


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..सागर महिलाओं के साथ रेप और छेड़खानी के मामले थमने का नाम नही ले रहे हैं । ताज़े मामले में कोंग्रेस से देवरी विधायक के भतीजे ने एक महिला के साथ रेप की घटना को अंजाम दिया हैं । यह घटना महाराजपुर थाने के रसेना गाँव से हैं । महिला विवाहिता हैं । पीड़िता की माने तो आरोपी नीरज यादव ने महिला की अस्मत पर उस वक़्त हाथ डाला जब उसका पति माँ के पंडाल में दर्शन करने गया था और महिला घर में अकेली थी । महिला जैसे ही घर के बहार बाथरूम करने आई तभी नीरज ने उसका हाथ पकड़कर जोर जबरजस्ती कर डाली । नीरज यादव का गाँव में रसूख हैं । वो देवरी विधानसभा से कोंग्रेस विधायक हर्ष यादव का भतीजा हैं । पीड़िता ने इस घटना के बाद अपने पति के साथ महाराजपुर थाने में  आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई हैं ।


गेस्ट हाउस में रंगरेलियां मनाते तीन कॉलेज युवतियां व दो युवक पकड़े गए



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गेस्ट हाउस में जिस्मफरोशी का धंधा चलने सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें कॉल गर्ल नहीं ब​ल्कि कॉलेजों में पढ़ने वाली तीन युवतियों व दो युवकों के पुलिस रेड में पकड़े जाने की समाचार है.

यह मामला जुड़ा है राजस्थान के अलवर जिले से. जहां पिछले कुछ दिनों से पुलिस अधीक्षक को बहरोड़ कस्बे के कुछ होटल्स व गेस्ट हाउस में जिस्मफरोशी का व्यापार चलने की शिकायतें मिल रही थी. इसी के चलते एसपी के आदेश पर बहरोड़ पुलिस ने जयपुर-अलवर रोड पर स्थित शिवानी गेस्ट हाउस पर छापा मारा.

इस औचक कार्रवाई में पुलिस ने कमरों में पुलिस छापेमारी में यहां कमरे में संदिग्ध अवस्था में तीन युवतियों सहित दो युवक को पकड़े गए हैं. बताया जा रहा है कि ये तीनों युवतियां कॉलेज छात्राएं है.जिनसे पूछताछ की जा रही है.

कस्बेवासियों का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से हाइवे पर होटलों में अनैतिक धंधे का ये कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. तीन-चार दिन पहले भी पुलिस ने एक साथ दो गेस्ट हाउसों पर छापा मारकर कई लड़के व लड़कियों को पकड़ा था.

प्रेगनेंसी के फाइनल स्टेज में भी सारी हदों को पार किया इस अभिनेत्री ने



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मुंबई| बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली ने अपनी एक ऐसी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है जो कि बहुत वायरल हो रही है| बता दें कि सेलिना जेटली दोबारा मां बनने वाली हैं, और अपने इंस्टाग्राम अकाउटं पर वह अक्सर बेबी बंप की तस्वीरें शेयर करती रहती हैं, लेकिन हाल ही में सेलिना ने अपनी एक न्यूड फोटो शेयर की है|
दरअसल इस तस्वीर में वह न्यूड है और बाथटब में लेटी हैं और उनका बेबी बंप भी साफ नजर आ रहा है। एेसा लगता है कि सेलिना अपने प्रैग्नैंसी को खूब एन्जॉय कर रही हैं। सेलिना पांच साल के दो जुड़वां बच्चों विंस्टन और विराज की मां हैं। सेलिना ने साल 2011 में बिजनेसमेन पीटर हॉग से शादी की थी
आपको बता दें कि सेलिना ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'जानशीन' से की थी। इसके अलावा वो 'नो एंट्री', 'गोलमाल' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं। इसके सेलिना साल 2001 में मिस इंडिया बनी थीं। सेलिना की आखिरी फिल्म 2012 में आई 'विल यू मैरी मी' थी| फिल्म में उनके साथ श्रेयस तलपड़े, राजीव खंडेलवाल, मुग्धा गोडसे थीं।

वह निर्वस्त्र हालत में ही अपने कपड़े और बाबा का मोबाइल लेकर वहां से निकल भागी



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सीतापुर/ समाज सुधारक बन कर धर्म का प्रचार करने वाले कथित संतो पर मड़रा रही काली छाया देश और प्रदेश में रुकने का नाम नहीं ले रही है बीती रात परम तपस्वी महर्षि दधीचि की पावन  को उदासीन अखाड़ा के कथित संत ने अपने यहॉ काम करने वाली एक महिला के साथ जबरन रंगरेलियां मना कर कलंकित कर दिया है 

सूचना पर उसको पुलिस ने अपनी गिरिफ्त में लेकर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरु कर दी है प्राप्तजानकारी के अनुसार देश और प्रदेश में कथित बाबाओं क्रमशः आसाराम बापू उनका पुत्र नारायण साईं बाबा रामपाल बाबा राम रहीम और फलाहारी बाबा की चर्चा तो आम थी ही बीती रात महर्षि दधीचि की पौराणिक तपोभूमि कस्बा मिश्रित के कुतुब नगर रोड पर स्थित उदासीन अखाड़ा आश्रम में संचालित चंद्र भगवान पब्लिक इण्टर कॉलेज एवं ला कॉलेज भी चर्चा में आ गया है जहां के प्रबंधक कथित संत सियारामदास कलंक से अछूते नहीं रह गये हैं

बीती रात उन्होंने अपने आश्रम पर संचालित शिक्षा के मंदिर में काम करने वाली एक दलित महिला काल्पनिक नाम संगीता उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम मुख्तार पुरवा थाना रामपुर कला जनपद सीतापुर के साथ जबरिया मुंह काला करने में कोई गुरेज नही की है पीड़िता का आरोप है कि उसका चचेरा भाई नोखे विद्यालय में नौकरी दिलाने के बहाने विद्यालय की प्रबंधिका रिंटू सिंह के हवाले लगभग 8 माह पहले कर गया था पीड़िता की माने तो उक्त प्रबंधिका सरैंया स्टेशन से अपनी लाल गाड़ी चौपहिया वाहन में बैठाकर पहले आगरा ले गयी फिर कुछ दिनों बाद वहां से उसे फैजाबाद ले जाया गया जहां बराबर उसका शारीरिक शोषण होता रहा

 जब उसने इस बात का विरोध कर भागने की कोशिश की तो उपरोक्त प्रबंधिका व इस खेल में सामिल बाबा ने उसकी जमकर पिटाई ही नहीं कि बल्कि उसे बंधक की तरह रखा गया पीड़िता की माने तो फैजाबाद में उसके बंधक होने की सनसनी फैलने के कारण उपरोक्त प्रबंधिका ने उसे लखनऊ होते हुए मिश्रिख विद्यालय /आश्रम में शिफ्ट कर दिया जहां बीती रात अकेलेपन का फायदा उठा कर नसे में धुत होकर बाबा सियारामदास ने उसको निर्वस्त्र ही नहीं किया बल्कि इज्जत तार -तार करते हुए सारी हदें पार कर दी पीड़िता ने जब इस बात का काफी विरोध किया तो बाबा ने कहा कि तुम्हारे चेहरे भाई को 50 हजार रुपये देकर मैंने तुम्हें खरीद लिया है

पीड़िता का कहना है कि बीती रात घटना के समय आश्रम विद्यालय के सभी लोग किसी कार्य को लेकर बाराबंकी गये हुये थे विद्यालय और आश्रम में दो चौकीदार ,बाबा और वह स्वयं ही थी बाबा के सो जाने पर वह निर्वस्त्र हालत में ही अपने कपड़े और बाबा का मोबाइल लेकर वहां से निकल भागी रोड पर आने के बाद अपने कपड़े पहने और डायल 100 नम्बर पर काल करके पुलिस से गुहार लगाई और रोड के किनारे छिपकर बैठी रही मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे और बाबा को लाकर थाने में कर दिया जहां पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस ने अ. सं. 399/ 017 पर धारा 376 ,342, 120 बी एवं एस.सी.एस.टी. ऐक्ट में अपराध दर्ज कर कार्यवाही प्रारंभ कर दी है दूसरी तरफ बाबा सियारामदास पुलिस गिरफ्त में अपने को निर्दोष बता रहे हैं

स्कूल है या कबाड़खाना ? खैरा पलारी में संचालित सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल कबाड़खाने में हो रहा संचालित


स्कूल है या कबाड़खाना ?
खैरा पलारी में संचालित सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल कबाड़खाने में हो रहा संचालित - शिक्षा विभाग मौन

TOC NEWS // देवराज डेहरिया

सिवनी। ग्रामीण बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने हेतु केन्द्र शासन एवं राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही है। परन्तु निजि शिक्षण संस्थानों द्वारा बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के नाम पर खोले गये निजी स्कूलों में लापरवाही, मनमानी, अनिमित्ताओं के चलते आधुनिक भारत के प्रतिभावी बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर जा रहा है।

जिसमें शासन प्रशासन की उदासीनता साफ झलक रही है। लाख शिकायतों के बावजूद भी इन प्रायवेट शालाओं के संचालकों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, न ही किसी प्रकार का कोई अंकुश लगाया जा रहा है। जैसे तैसे शिकायत पर जाॅंच भी की जाती है तो जाॅंच के दौरान अधिकारियों द्वारा सांठ-गाॅंठ कर लीपापोती कर दी जाती है। जिसके परिणाम स्वरूप इन स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद होते जा रहे है। इन्हे शासन प्रशासन का कोई खौफ नही है।


प्राप्त जानकारी से ज्ञात होवे कि केवलारी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले पलारी क्षेत्र में संचालित सरस्वती ज्ञान मंदिर स्कूल कबाड़खाने जैसे मकानों पर संचालित किया जा रहा है। लापरवाही, अनिमितताओं से भरा हुआ है। शासन के नियमों को ताक में रख इस स्कूल के संचालक द्वारा मनमानी की जा रही हैं देखा जाये तो शासन के नियमानुसार स्कूल खोलने हेतु शिक्षा विभाग से मान्यता होना अतिआवश्यक है एवं निजि भवन, बच्चों के अध्ययन हेतू बैठक व्यवस्था, ग्राऊंड, शौंचालय, शुद्ध पेयजल, बी.एड. डी.एड. डिग्री धारी शिक्षक-शिक्षिका, पुस्तकालय, खेल मैदान, प्रसाधन की व्यवस्था, बच्चों के मेडिकल चेक-अप की व्यवस्था इत्यादि होना आवश्यक है,

परन्तु इनके पास न ही निजि भवन है न ही बच्चों के खेलने हेतू ग्राऊंड उपलब्ध है न ही शौंचालय उपलब्ध है न ही बी.एड., डी.एड. डिग्री धारी शिक्षक शिक्षिका, न ही पुस्तकालय, न ही खेल मैदान, न ही प्रसाधन की व्यवस्था, न ही बच्चों के मेडिकल चेक-अप की व्यवस्था है, न ही बच्चों के पीने हेतु शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। दस बाई दस के कमरे मे बच्चों की क्लास लगाई जा रही है, न ही जर्नेटर उपलब्ध है न ही इनवेटर है न ही किसी भी कक्षा में पंखे की व्यवस्था है भारी गर्मी के चलते छाटे-छोटे नौनिहाल बच्चे पसीने से तरबतर हो रहे हैं। यहां तक की बच्चों के पीने हेतु शुध्द पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है। देखा जाये तो शासन के किसी भी मापदण्ड में यह स्कूल खरा नहीं उतरा है। बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा इस स्कूल को मान्यता दी गई है? यह सोचनीय विषय है।

ज्ञात होवे कि गत दिवस विश्व हिन्दु परिषद प्रखण्ड केवलारी के अध्यक्ष बसंत ठाकुर से क्षेत्रीयजनो द्वारा उक्त स्कूल की अनियमितताएं संबंधी जानकारी एवं शिकायत की गई जिसके पश्चात  उनके द्वारा उक्त स्कूल का जायजा लिया गया तो देखा गया कि जहां स्कूल संचालित किया जा रहा है देखने पर वह किसी कबाड़खाने से कम नही लग रहा है। टीन सेड में स्कूल लगाया जा रहा है। जहां बच्चे अध्ययन कर रहे हैं वहां ऊपर कबाड़ रखा हुआ है कब कौन सी चीज बच्चों के ऊपर गिर जाये कोई क्षति हानि हो जाये कोई भरोषा नहीं, न ही पंखे की व्यवस्था है भारी गर्मी के चलते छाटे-छोटे नौनिहाल बच्चे पसीने से तरबतर हो रहे हैं। बावजूद इसके शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूल संचालकों पर कोई कार्यवाही न करना संदेह के घेरे में है।


इस संबंध में हमारे संवाददाता द्वारा संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी को उक्त घटना की सूचना दी गई तो उनके द्वारा कहा गया कि संबंधित उक्त स्कूल की जांच की जावेगी, पश्चात इसके उचित कार्यवाही की जावेगी।

ज्ञात होवे कि मध्यम वर्गीय परिवार अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु निजि शिक्षण संस्थाओं का सहारा लेने के लिए मजबूर है क्योकि शासकीय स्कूलो में सही ढंग से पढ़ाई न होने के कारण इन बच्चों को ऊॅंची संस्थाओं में नौकरी नही मिल पाती है। इस हेतु ग्रामीण आवश्यकता से अधिक रूप्ये खर्च कर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने हेतु निजि शिक्षण संस्थानों का सहारा ले रहे हैं। एवं खुलेआम लुट रहे हैं।
वहीं ग्रामीणजनों ने संबंधित शिक्षा विभाग एवं कलेक्टर महोदय से अपेक्षा जताई है कि उक्त स्कूल जहाॅं से संचालित हो रहा है अविलंब स्पाॅट वेरीफिकेशन कर तत्काल स्कूल वहाॅं से हटाया जाये।

                 इनका कहना है 
संबंधित उक्त स्कूल की जांच की जावेगी, पश्चात इसके उचित कार्यवाही की जावेगी।
                                                गोपालसिंह बघेल
                            जिला शिक्षा अधिकारी सिवनी

Wednesday, September 27, 2017

नपुंसक बनने के लिए जड़ी-बूटी खाता था फलाहारी बाबा, लेकिन सामने आया चौंकाने वाला सच

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राम रहीम के बाद बलात्‍कार के केस में फंसे के कौशलेन्द्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी बाबा को लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं। रेप का आरोप लगने के बाद बाबा ने दावा किया था कि नामर्द बनने के लिए वह कई तरह की जड़ी-बूटियों का सेवन करता है।

इससे उसकी सेक्‍स करने की क्षमता खत्‍म हो चुकी है। लेकिन बाबा का पोटेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया है। बाबा के नपुसंक होने का दावा झूठ साबित हो गया है।

नपुंसक बनने के लिए जड़ी-बूटी खाता था फलाहारी बाबा, लेकिन सामने आया चौंकाने वाला सच
रेप का आरोप लगने के बाद बाबा बीमारी का नाटक करते हुए अस्‍पताल में एडमिट हो गया था। लेकिन यहां भी उसे अपने चाल में कामयाबी नहीं मिली। राजीव गांधी अस्‍पताल के 5 डॉक्‍टरों की टीम ने बाबा का मेडिकल जांच की, जिसमें वह पूरी तरह फिट पाया गया।
बूटी लेने के बाद 6 माह नहीं कर सकते सेक्‍स

पुलिस को दिए बयान में बाबा ने कहा था कि वह नपुंसक बनने के लिए जिस जड़ी बूटी का सेवन करता था, उससे 6 महीने तक व्‍यक्ति सेक्‍स नहीं कर सकता है। वह इस जड़ी बूटी का प्रयोग लगातार करता रहा है। उसके अंदर सेक्‍स करने की क्षमता पूरी तरह से खत्‍म हो चुकी है। ऐसे में रेप का आरोप उस पर साजिश के तहत लगाया गया है।

क्‍या है पूरा मामला

फलाहारी बाबा के खिलाफ 11 सितम्बर को बिलासपुर की 21 वर्षीय पीड़िता ने महिला थाने में दुष्कर्म की जीरो एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने एफआईआर अलवर पुलिस को भेज दी। इसके बाद पुलिस ने 23 सितंबर को बाबा फलाहारी को गिरफ्तार कर सीजेएम कोर्ट में पेश किया। यहां उसे 6 अक्‍टूबर तक के लिए जेल भेज दिया गया। जेल पहुंचने के बाद बाबा ने अपना पसंदीदा फल केला के अलावा कुछ भी नहीं खाया है।

डाक्टर ने इलाज करवाने आयी महिला को बेहोश कर लूटी ली इज्जत, जाने पूरा मामला!


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लखनऊ: राजधानी लखनऊ के मडिय़ांव इलाके में एक डाक्टर के पास इलाज के लिए पहुंची एक महिला की डाक्टर ने ही अस्मत लूट ली। आरोप है कि इलाज के नाम पर डाक्टर ने बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर महिला के साथ दुराचार किया। फिलहाल इस मामले में मडिय़ांव पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए आरोपी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया है।

इंस्पेक्टर मडिय़ांव राघवन कुमार ने बताया कि मडिय़ांव इलाके मेें एक पति-पत्नी निमार्णाधीन अपार्टमेंट में बतौर मजदूर काम करते हैं। वह लोग उसी निमार्णाधीन अपार्टमेंट में रहते हैं। बताया जाता है कि रविवार को अचानक महिला की कुछ तबियत खराब हो गयी। इस पर उसका पति उसको इलाज के लिए घैला गांव यादव चौराहे के पास स्थित सत्यनारायण डाक्टर की क्लीनिक इलाज के लिए लेकर पहुंचा।

आरोप है कि महिला के इलाज के नाम पर आरोपी डाक्टर उसको क्लीनिक में बने एक केबिन में ले गया। डाक्टर ने महिला को इंजेक्शन लगाने की बात कही और उसके पति को क्लीनिक के बाहर कर दिया। बताया जाता है कि आरोपी डाक्टर ने इसके बाद महिला को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दी। महिला के बेहोश होने पर आरोपी डाक्टर ने उसके साथ दुराचार किया। कुछ देर के बाद जब महिला को होश आया तो उसने सारी बात अपने पति को बतायी।

आरोप है कि महिला के पति ने जब इस बारे में डाक्टर से सवाल-जवाब किया तो पहले डाक्टर ने इस तरह की घटना से इनकार किया। बाद में मामले को बढ़ता हुए देख आरोपी डाक्टर ने महिला के पति 25 हजार रुपये देकर उसकी पत्नी की अस्मत का सौदा करने की कोशिश की। किसी तरह दोनों पति-पत्नी वहां से लौट आये।

इसके बाद वह लोग शिकायत लेकर मडिय़ांव पुलिस के पास पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आरोपी डाक्टर सत्यनारायण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। पुलिस ने फिलहाल इस मामले में आरोपी डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं पुलिस ने पीडि़ता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है। इंस्पेक्टर मडिय़ांव ने बताया कि आरोपी सत्यनारायण मूल रूप से उन्नाव का रहने वाला है और अक्सर रात होने पर अपनी क्लीनिक पर रूक जाता था।

मंदिर के पुजारी ने 14 साल के लड़के से किया अप्राकृतिक रेप, गिरफ्तार


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वाराणसी। थाना चेतगंज अंतर्गत नाटीइमली पुलिस चौकी के समीप स्थित हनुमान मंदिर के पुजारी द्वारा अप्राकृतिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। पुजारी पर ये आरोप है कि उसने एक 14 वर्षीय एक बच्चे को ब्लू फिल्म दिखाकर उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। मामला तब खुला जब बच्चा पुजारी के चंगुल से छूटने के बाद अपने घर पहुचा और परिजनों को आप बीती बताई। जिसके बाद पीड़ित के पिता ने चेतगंज थाने में तहरीर दी और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पुजारी को पकड़ा।

मंदिर के पुजारी ने 14 साल के लड़के से किया अप्राकृतिक रेप, गिरफ्तार

बच्चे के पिता ने बताया कि हनुमान मंदिर का पुजारी, उमेश दास बीती रात एक 14 वर्षीय लड़के के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। जब बेटे ने आकर हमें यह जानकारी दी तो हम नाटीइमली चौकी इंचार्ज विश्वनाथ प्रताप सिंह के पास आए और उन्होंने बाबा को गिरफ्तार किया। बच्चे के पिता ने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर में आने वाली महिलाओं के साथ भी यह पुजारी छेड़खानी करता था। लोकलाज के भय से महिलाएं ढोंगी बाबा के खिलाफ बोलने से कतराती थीं। आज बच्चे के पिता द्वारा लिखित तहरीर के बाद उसे पुलिस ने जेल भेज दिया।

इस मामले में चेतगंज के एसएचओ राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि पकड़ा गया पुजारी उमेश दास पिछले 15 सालों से कई शहरों के अलग अलग मन्दिरो में पूजापाठ का काम किया करता था। स्थानीय लोगों ने बताया कि वो मंदिर आने वाली महिलाओं को भी परेशान करता था। आज उसने बच्चे के साथ कुकृत्य किया है। पिता की लिखित तहरीर के आधार पर धारा 376 में बाबा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

Tuesday, September 26, 2017

भितरघातियों से निपटने के लिये भाजपा तैयार कर रही अपनी खुफिया विंग

अवधेश पुरोहित // TOC NEWS

भोपाल। पिछले नगरीय निकाय चुनावों में अधिकांश जगहों पर अपने विभीषणों के कारण पार्टी को जो हार हुई है उसकी संभावना आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भितरघातियों का सामना न करना पड़े, ऐसे अपने विभीषणों से निपटने के लिये पार्टी अपनी एक खुफिया विंग बनाने जा रही है जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी में अब गुटबाज सांसदों, विधायकों, अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों की खैर नहीं है।

ऐसे लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भाजपा आलाकमान तगड़ी जासूसी कराएगी। अभी सत्ता और संगठन की गतिविधियों के लिए सरकार पर निर्भर रहने वाली भाजपा का लगातार फेल हो रही सरकारी खुफिया तंत्र पर भरोसा नहीं रहा है। पार्टी अब अपनी खुद एक खुफिया विंग बनाने जा रही है। यह जासूसी विंग संगठन की गतिविधियों के अलावा नेताओं की गतिविधियों पर भी नजर रखेगा। यह जासूस बकायदा पार्टी मुख्यालय को प्रत्येक जिले का फीडबैक दिया करेंगे।

सत्तारूढ़ पार्टी इस गोपनीय तथा महत्वपूर्ण काम के लिए अलग से विंग बनाने जा रही है, इसका नाम पॉलीटिकल फीडबैक एण्ड सनालिसिस विंग रखा जाएगा। इस विंग में हर जिले से फीडबैक देने लिए जासूसों की नियुक्ति की जाएगी, जिसे कन्वीनर और असिस्टेंट कन्वीनर का नाम दिया जा सकता है। खास बात यह होगी कि इस पद के लिए जिन लोगों की नियुक्ति की जाएगी, वह राजनीतिक पृष्ठ भूमि से जुड़े नहीं होंगे।

भाजपा के यह जासूस विभिन्न क्षेत्रों के विद्वान होंगे जो कि राजनीतिक समझ रखने के साथ संबंधित क्षेत्रों के अंतर्गत निवासरत क्षेत्र की भौगोलिक, सामाजिक जानकारी रखने वाले भी होंगे। इस विंग में नियुक्त प्रदेश संगठन महामंत्री स्तर से की जाएगी जिसकी रिपोर्ट संघ को भी भेजी जाएगी। भाजपा के यह जासूस अपने पेशे में रहते हुए लूप लाइन में रहकर बिना किसी प्रचार-प्रसार के अपने मिशन पर काम करेंगे तथा गोपनीय तरीके से संबंधित जिले के सांसद, विधायक, भाजपा जिलाध्यक्ष, नगरीय निकाय अध्यक्ष, पार्टी के समर्थित जिला व जनपद पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों आदि प्रमुख पदों पर आसीन पदाधिकारियों की खुफिया जानकारी पार्टी को सीधे भेजा करेंगे। साथ ही संगठन की गतिविधियों, नेताओं के बीच की गुटबाजी के साथ ही इस बात की भी जानकारी भेजेंगे कि क्षेत्र में कौन-कौन से काम पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकते हैं,

कौन से कामों से पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार, जनता के बीच उानकी स्वीकार्यता, आगामी चुनाव को देखते हुए, उनकी स्थिति आदि की जानकारी भी वह जासूस पार्टी आलाकमान को दिया करेंगे। सरकारी खुफिया तंत्र से भाजपा का भरोसा इस कारण उठ गया क्योंकि वर्ष २०११ में किसान आंदोलन के दौरान प्रदेशभर में कई हजार किसान ट्रैक्टर-ट्रालियां और बैलगाडिय़ां लेकर भाजपा में सीएम हाउस पर प्रदर्शन करने जा पहुंचे थे। इन किसानों ने राजधानी में ७२ घंटे तक पूरी तरह जाम लगा रखा था, लेकिन इसकी भनक सरकारी इंटेलीजेंस आईबी, सीआईडी तक को नहीं लगी,

जिससे किसानों को वापस भेजना मुश्किल हो गया। इसी प्रकार वर्ष २०१५ में किसानों ने पिपरिया, बैतूल, हरदा, छिंदवाड़ा सतना, जबलपुर, इंदौर, सीहोर, रायसेन आदि जिलों में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी और दोनों तरफ से भारी पथराव होने के कारण कई लोगों को चोटें आई थीं। इस घटना की पहले से जानकारी जुटाने में सरकारी खुफिया विभाग नाकाम रहा था।

इस घटना से सरकार की खासी किरकिरी हुई तथा साथ ही कई बार सत्ता और संगठन को विपक्ष की घेराबंदी का शिकार भी होना पड़ा। इसी प्रकार जुलाई २०१७ में प्याज सहित अन्य फसलों के सही दाम नहीं मिलने से प्रदेश भर में किसानों ने बड़े पैमाने पर हंगामा किया। मंदसौर में छ: लोगों की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई। किसानों ने हजारों टन प्याज सड़कों पर फेंक दी और हाईवे पर जाम लगा दिया था।

दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा ने बढ़ाई भाजपा की चिंता ?

अवधेश पुरोहित // TOC NEWS

भोपाल । पिछले दिनों सरकारी तामझाम और करोड़ों रुपये प्रचार-प्रसार के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने बुढ़ापे की काशी नर्मदा के जीर्णोद्धार को लेकर जो नमामि देवी नर्मदे यात्रा का आयोजन किया था उसका लाभ किसे कितना मिला, यह तो भविष्य बताएगा लेकिन यह जरूर है कि आगामी तीस सितम्बर से कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ङ्क्षसह की छ: महीने की नर्मदा यात्रा प्रारंभ होने जा रही है

उस यात्रा को लेकर भाजपा के नेताओं में चिंता व्याप्त है और वह इस यात्रा से कांग्रेस को लाभ होने क ा दावा करते नजर आ रहे हैं हालांकि इसकी काट भी निकालने में इन दिनों भाजपा के नेता लगे हुए हैं जहां तक बात दिग्विजय सिंह की इस यात्रा को लेकर की जाए तो यह यात्रा पूरी तरह से गैर राजनैतिक है और इस यात्रा में न तो कोई शासकीय तामझाम है और न ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह इस यात्रा को लेकर देश दुनिया में विज्ञापनों के माध्यम से इसे प्रचारित किया जा रहा है,

यह यात्र दिग्विजय सिंह और उनकी धर्मपत्नी के साथ-साथ उनके परिजनों की अपनी यात्रा है और इस यात्रा का उद्देश्य गैर राजनैतिक है, यह अलग बात है कि इस यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह के अपने समर्थक जो कि पूरे प्रदेश में मौजूद हैं और जिनकी संख्या लाखों में हैं वह दिग्विजय सिंह के साथ इस यात्रा में भाग लेने पहुंचेंगे जिसकी वजह से इस यात्रा का माहौल क्या होगा यह भविष्य बताएगा भले ही दिग्विजय सिंह द्वारा यह दावा किया जा रहा हो कि यह यात्रा पूरी तरह से गेर राजनीतिक है,

लेकिन इस यात्रा का स्वरूप क्या होगा यह तो आने वाला भविष्य बताएगा और इस यात्रा का लाभ कांग्रेस को कितना मिलेगा यह भी भविष्य के गर्त में है लेकिन यह जरूर है कि विधानसभा चुनाव २०१८ के पूर्व दिग्विजय सिंह की इस नर्मदा यात्रा को लेकर भाजपा के नेताओं की नींद उड़ी हुई है और वह यह मानकर चल रहे हैं कि इस यात्रा का लाभ कांग्रेस को अवश्य मिलेगा भले ही कांग्रेस के नेता इस बात को नकार रहे हों, लेकिन इस यात्रा के परिणाम कांग्रेस के लिये सुखद होंगे ऐसा राजनीति के जानकार मानकर चल रहे हैं।

क्योंकि दिग्विजय सिंह की अपनी राजनीतिक शैली है और उस शैल्ी के चलते वह जहां-जहां से इस यात्रा के दौरान गुजरेंगे अपना प्रभाव जरूर छोड़ते जाएंगे और उनके इस प्रभाव से भाजपा को कितना नुकसान पहुंचेगा इसका आंकलन तो भाजपा के मिशन-२०१८ में ही पता चलेगा। मामला जो भी हो लेकिन यह जरूर है कि दिग्विजय ङ्क्षसह की इस नर्मदा यात्रा को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की चिंता जरूर बढ़ गई है।

पत्रकारों ने फूंका सीएमएचओ का पुतला, फर्जी FIR का मामला तूल पकड़ा


*शेख एवं अन्य पत्रकार पर एफआईआर से नाराज, निकाली आक्रोश रैली*

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*खरगोन।* फरीद शेख़ बंसल न्यूज़ TV चैनल के संवाददाता के ऊपर की गई फर्जी FIR का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। आज खरगोन में "जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया" जय के "पत्रकार सुरक्षा इकाई" के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण पाल और पत्रकारों ने मिलकर सीएमएचओ का पुतला दहन किया पिछले दिनों "जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया" संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड ने पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला जी को इस संदर्भ में ज्ञापन सौप कर की गई फर्जी FIR पर इस बात की जांच कर खात्मा लगाने की मांग की थी। 

पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला जी को इस संदर्भ में ज्ञापन सौपते

खरगोन के पत्रकारों पर सीएमएचओ द्वारा कराई गई एफआईआर का प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडियाकर्मियों ने खुलकर विरोध शुरु कर दिया है। मंगलवार को एकजुट होकर विरोध के स्वर मुखर करते हुए जनसंपर्क कार्यालय से आक्रोश रैली निकाली और पोस्ट ऑफिस चौराहा पहुंचकर सीएमएचओ के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फुंका।

नाराज पत्रकारों ने जब तक पत्रकारों के खिलाफ कराई गई रिपोर्ट वापस नही ली जाती, प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा और बुधवार को श्री कृष्णा टाकीज़ तिराहे पर दोपहर 1 बजे सीविल सर्जन डॉ. नीमा का भी पुतला दहन किया जाएगा। इतना ही नही शासकिय समाचारों का बहिष्कार किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों ने कहा की किसी भी समाचार में दोनों पक्षों का बयान लेना पत्रकारिता का धर्म है। पत्रकार फरीद शेख ने भी स्वास्थ्य सेवाओं की बदइंतजामी की खबर प्रसारित करते हुए, सीएमचओ वंदना खरे का पक्ष जानना चाहा था, जो पत्रकारिता के नियमों के पालन में आता है। सीएमएचओ ने प्रसारित समाचार से विभाग लापरवाही एवं उनकी लगाम कमजोर पड़ते देख बौखलाहट में शेख एवं उनके साथी पर झूठे और मनगढं़त आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है, जिसका सभी पत्रकार साथी विरोध करते है। सभी पत्रकारों ने इन कथित आरोपों का खंडन करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

बेरोजगार, राज्य सरकार व केंद्र सरकार परिणाम भुगतने के लिए रहे तैयार

लो आ गए अच्छे दिन - साक्षर भारत योजना बन्द, लाखो
गोपाल दास बैरागी
प्रेरक होंगे बेरोजगार, राज्य सरकार व केंद्र सरकार परिणाम भुगतने के लिए रहे तैयार


TOC NEWS // गोपाल दस बैरागी
नीमच (मध्य प्रदेश) - देश की आज़ादी के समय देश की साक्षरता दर 18 प्रतिशत थी। देश में पूर्व में सत्ता में रही कांग्रेस की पहल से साक्षर भारत मिशन प्रारम्भ किया जो मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत पुरे देश में संचालित रहा। जिसकी गाइड लाइन में देश की समस्त ग्राम पंचायत स्तर पर 2 हजार रु प्रतिमाह मानदेय पर संविदा आधार पर दो प्रेरक (एक महिला/एक पुरुष) की नियुक्ति प्रदान की गयी थी।
आज प्रेरको की बदौलत देश की साक्षरता दर 81 प्रतिशत हो चुकी हे।

स्वर्णिम हिन्दुस्तान व् अच्छे दिन आने वाले हे का ढिंडोरा पीटने वाली मोदी सरकार ने देश के लाखो प्रेरक व् करोड़ो प्रेरक परिवार पर संकट के बादल खड़े कर दिए है।
आज देश सहित मध्य प्रदेश में
25 सितम्बर को राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल मध्य प्रदेश संचालक लोकेश कुमार जाटव  द्वारा पत्र क्र/राशिके/  सा.भा./07/2017/1430 - दिनांक 25.9.17 के अनुसार आदेश जारी कर बताया गया हे की प्रेरको की नियुक्ति सम्बन्धि विज्ञापन क्र./राशिके/सा.भा./2012/9274 भोपाल,दिनांक 27.9.12 के तृतीय बिंदु में स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गए थे की यह नियुक्ति पूर्णतः अस्थाई है तथा योजना समाप्ति के साथ प्रेरको की नियुक्ति स्वतः ही समाप्त मानी जायेगी। अतः 01 अक्टूबर 2017 से प्रेरको की नियुक्ति समाप्त हो जायेगी। भविष्य में किसी भी प्रेरक की नियुक्ति का नवीनीकरण नही किया जाये तथा सभी प्रकार की आउटसोर्सिंग नियुक्ति दिनांक 30 सितम्बर 17 के बाद बन्द कर दी जाए।

मध्य प्रदेश सरकार व् केंद्र सरकार की इस तानाशाही व निर्दयी निर्णय से देश सहित मध्य प्रदेश के लगभग 24 हजार प्रेरको व् प्रेरक परिवार का भविष्य अन्धकार में दिखाई पड़ रहा है। मोदी सरकार को संज्ञान में रखना चाहिए की आपकी सरकार किसी बेरोजगार को नोकरी दे नही सकती हे तो कांग्रेस सरकार द्वारा लाखो गरीब, बेरोजगार युवाओ को प्रदान की गयी नोकरी को छीनने का भी कोई अधिकार नही हे।

केंद्र सरकार सत्ता में मद मस्त होकर गरीब व् बेरोजगारो को नोकरी देने के बजाय बाहर का रास्ता दिखाकर कर क्या साबित करना चाहती हे? साथ ही मध्य प्रदेश में प्रेरको का 5 माह से अधिक का मानदेय बकाया है। उसका भुगतान भी 30 सितम्बर से पूर्व करे।

अखिल भारतीय साक्षरता प्रेरक संघ दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव व मध्य प्रदेश प्रेरक संघ के प्रदेश संयोजक गोपालदास बैरागी ने मध्य प्रदेश व केंद्र सरकार के इस निर्णय पर चिंता करते हुए घोर निंदा की है। व मध्य प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार को आगाह किया है की अभी भी वक्त है आगामी 1 अक्टूबर तक प्रेरको के भविष्य के प्रति दोनों सरकारे गम्भीर हो कर प्रेरक हितार्थ में निर्णय ले।

अन्यथा जिस बेरहमी से हम लाखो प्रेरको को प्रेरक पद से हटाने की साजिस रचकर हमे बेरोजगार कर बाहर का रास्ता दिखा रहे हो। इसका प्रतिफल आगामी कुछ समय में भयंकर रूप से दोनों सरकारो को भुगतना पड़ेगा। देश की आज़ादी से आज तक लगभग 50 साल लगे हे सत्ता में आने के लिए, हम गरीबो पर अन्याय व अत्याचार किया तो तो आगामी चुनाव 2018 व 2019 में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।

साथ ही आगामी दिनांक 1 अक्टूबर 17 से मध्य प्रदेश सहित हिन्दुस्तान के प्रेरको द्वारा अपने अपने जिले में देशव्यापी आंदोलन किया जायेगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार व् केंद्र सरकार की होगी।

फर्जी उपहार योजना के नाम से धोखाधड़ी पूर्वक करोड़ों रुपए जमा कराकर हड़पने वाला संचालक मास्टर माइंड भाजपा कार्यकर्ता बैरागी गिरफ्तार


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*एक लाख रुपए जप्त अन्य सहयोगी के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी*

रतलाम। जिले के जावरा थाना औद्योगिक क्षेत्र पर दिनांक 22-08-2017 को फरियादी नागेश्वर  पिता रमेश चंद्र दर्जी निवासी भीमा खेड़ी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि ग्राम भीमा खेड़ी के दबंग भाजपा कार्यकर्ता दिलीप दास बैरागी द्वारा महावीर उपहार योजना के नाम से लकी ड्रा खोलने की योजना चलाकर लोगों से तमाम रुपए वसूल करने के बाद हड़पने ₹1 वापस नहीं करने संबंधी शिकायत पर अपराध क्रमांक 325/17 धारा 420 406 467 468 भादवी का पंजीबद्ध किया गया है


प्रकरण पंजीयन के बाद से ही श्रीमान पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह भापुसे.के निर्देशन में नगर पुलिस अधीक्षक श्री दीपक कुमार शुक्ला भापुसे के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी थाना औद्योगिक क्षेत्र जावरा निरीक्षक MP सिंह परिहार उपनिरीक्षक बी के दुबे आरक्षक दिनेश तोमर आरक्षक घनश्याम नागर व आरक्षक हेमंत पुरोहित के द्वारा उपरोक्त प्रकरण में लगातार विवेचना कर पाया कि दिलीप दास बैरागी निवासी भीमा खेड़ी द्वारा फर्जी महावीर उपहार योजना के नाम से एक योजना चालू कर लोगों को महंगे लकी ड्रा का प्रलोभन देकर लोगों से हर महा ₹400 व ₹1000 की किस्तें वसूल कर कार्ड बना कर दिए गए हैं

किश्तें वसूलने के लिए राकेश पांचाल भीमा खेड़ी फकीर चंद गहलोद भीमा खेड़ी रवीश गौड़ मामठखेड़ा दिलीप गौड़ ऊपरवाडॉ धर्मेश माली बोरदा प्रकाश गुजराती बोरदा जितेंद्र पाटीदार सोनगढ़ शैलेंद्र सिंह लसुडिया जंगली घनश्याम सिंह मंडावल मनोहर लाल जैन रियावन कमलेश पाटीदार रणायरा ईश्वर लाल धाकड़ उपलई समरथ जैन रियावन सुनील सोनी रणायरा नागेश्वर पाटीदार मुंडला राम शिवलाल रोजाना राकेश पाटीदार रोजाना रिंकल सेठिया ढोढर भैरू सिंह जी ढोढर रवि देवड़ा प्रदीप गुर्जर बढ़िया नरेंद्र पांचाल गुर्जर बढ़िया जगदीश आचार्य खरवाकला रसीद खान कचनारा के द्वारा करीब 990 लोगों को खातेदार नियुक्त किए गए

इनमें से 590 लोगों से ₹400 प्रतिमाह कुल 17 माह में 4012000 रुपया जमा कराए गए वह 400 लोगों से ₹1000 प्रतिमाह कुल 17 माह में 6800000 रुपए जमा कराए गए इस प्रकार कुल 1,08,12000 रुपया महावीर उपहार योजना के अंतर्गत लोगों से जमा कराएं लकी ड्रा के तहत प्रतिमाह ड्रा खोल कर उपहार के रूप में 100000 रूपयै होंडा मोटरसाइकिल 31000 रुपए 21000 रुपिए वह ₹15000 रुपया दिए जाते थे उपहार देने के बाद भी जनता का जमा करीब 90.00.000 रुपये इनके द्वारा वापस नहीं किया जा कर हड़पकर जाना सामने आया है

आज दिनांक 24 9 2017 को आरोपी दिलीप दास पिता प्रल्हाद दास बैरागी को गिरफ्तार किया गया है प्रारंभिक पूछताछ में इसके द्वारा बताया गया कि उपरोक्त महावीर उपहार योजना में मेरे वह उपरोक्त एजेंटों के द्वारा अपने अपने खातेदारों से वसूल किए गए हैं जिसके जितने खातेदार हैं और उनसे  जिसने काड्रो के मुताबिक कितने रुपए वसूल किए हैं वह उन्हीं के पास है इस प्रकार दिलीप दास बैरागी व उसके साथियों द्वारा बिना किसी रजिस्ट्रेशन लाइसेंस वह बिना किसी वेद दस्तावेजों के इस प्रकार की फर्जी आर्थिक महावीर उपहार योजना चालू कर लोगों से करोड़ों रुपए वसूल कर हड़प किए गए हैं

इस संबंध में दिलीप दास बैरागी व अन्य से हड़प की गई राशि जब्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं दिलीप दास को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर पुलिस रिमांड लिया जाकर पूछताछ कर पूरा प्रयास है की जनता का ज्यादा से ज्यादा पैसा जप्त किया जा कर लौटाया जा सके इस सराहनीय कार्य में थाना प्रभारी निरीक्षक MP सिंह परिहार उपनिरीक्षक बी के दुबे आरक्षक दिनेश तोमर आरक्षक घनश्याम नागर व आरक्षक हेमंत पुरोहित का अहम योगदान रहा है

जनसंपर्क विभाग से पोषित सज़ायाफ़्ता अपराधी को बनाया अपना मोहरा

आंदोलन को कुचलने के लिए एस के मिश्रा ने जनसंपर्क विभाग से पोषित सज़ायाफ़्ता अपराधी को बनाया अपना मोहरा

नोट : ये खबर राजेंद्र कश्यप पत्रकार भोपाल के वेब पोर्टल से कॉपी पेस्ट खबर के आखिरी में लिंक दिया है

भोपाल. मध्यप्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के बैनर तले 17 अप्रेल को भोपाल में होने वाले पत्रकारों के जंगी प्रदर्शन से जनसम्पर्क आयुक्त इत्ने भयभीत हैं कि अब वह जनसम्पर्क विभाग से पोषित सज़ायाफ्ता अपराधी को मोहरा बनाकर आंदोलन को विफल करने का प्रयास कर रहे है.

जनसंपर्क आयुक्त सत्तर के दशक के कुख्यात ठग श्रीराम सोनी के चेले सज़ायाफ्ता अपराधी , जनसम्पर्क विभाग से  पोषित अवधेश भार्गव को मोहरा बना कर श्री शलभ भदौरिया पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे हैं. एस के मिश्रा अपराधियों की पत्रकारिता में घुसपैठ कराकर  मुख्यमंत्री की उस भावना की खिल्ली उड़ा रहे हैं जिसमें मुख्यमंत्री बार-बार गंदगी और मीडिया के गठजोड़ पर चिंता व्यक्त करते हुए इस गठजोड़ को समाज के लिए घातक बताते हुए नही अघाते.
अवधेश भार्गव के अपराधिक जीवन का चित्रण राजधानी के पत्रकार अरशद अली ख़ान ने अपने कालम "बाबा गुरूघंटाल" में बड़ी सुंदरता से किया है .जिसका शीर्षक है "अवैध भाग्गव की कहानी बाबा गुरूघंटाल की जुबानी" आपके लिए प्रस्तुत है-

 सत्तर के दशक के कुख्यात ठग श्रीराम सोनी के चेले अवैध भागगव की कहानी  बाबा गुरुघंटाल  की जुबानी
बाबा गुरुघंटाल अपनी कुटिया में धूनी रमा रहे थे , तभी चेला मस्तराम आ धमका , उसने बाबा को दंडवत होकर प्रणाम किया, बाबा ने मुस्कुराकर चेला मस्तराम को आशीर्वाद दिया और सवेरे -सवेरे आने का कारण पूछा।
चेला मस्तराम - बाबा आजकल अवैध भागगव की बड़ी चर्चा है , इसके बारे में विस्तार से प्रकाश डालें।
बाबा गुरुघंटाल -चेला मस्तराम तूने भी कहां सवेरे -सवेरे उस दुष्ट का नाम लेकर मेंरे दिमाग का दही कर दिया। आज क्या तेरे मन में किसी भले मानस के बारे में जानने का विचार नहीं आया जो इस थर्ड क्लास के बारे में जानने चला आया। तो अब सुन इस दुष्ट अवैध  भागगव के कुकर्मो की कहानी -
जैसा इसका नाम है , वैंसे ही इसके कर्म हैं। सत्तर के दशक के कुख्यात ठग श्रीराम सोनी का चेला है यह जालसाज़ । इसका आधा जीवन जेल में गुजरा और शेष जीवन सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण करके बनायीं झुग्गी में रहकर। बापू नगर की झुग्गी में रहने वाला  यह जालसाज़ पहले भोले नगर की झुग्गी में रहता था  वही पास में रहने वाले  एक मानस से इसकी जान -पहचान हो गयी, जो बाद में कलेक्टर बन गया फिर क्या था इसकी तो चल पड़ी। इसने उसे अपना भाई बताना शुरू कर दिया और उसके क्षेत्र के एक टेंट वाले से काम करने के नाम पर ८ लाख रूपये हड़प लिए और काम आज तक नहीं हुआ। फ़र्जी रवन्ने बना कर लाखो रूपये की इमारती लकड़ी बेचने और हर्टीकल्चर डिपार्टमेंट में फ़र्जी बाउचर से लाखो रूपये निकलने वाले इस चीटर के कुकर्मो की सूची इतनी लम्बी है कि उसे लिखने के लिए एक श्रृखला चलना पड़ेगी।
चेला मस्तराम - परन्तु बाबा  यह जालसाज़ तो आज - कल एक पठान को पानी पी-पी कर गलियां बक रहा है। इसके पीछे क्या कारण है कृपया बताएं।

बाबा गुरुघंटाल - अवैध भागगव का तिलमिलाना स्वभाविक है। पठान भी कम नहीं है , शीशे से पत्थर तोड़ता है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उसने अवैध भागगव को इसकी  कमाई के ठिकाने से भगा दिया और इसके कुकर्मों की कुंडली खंगालने में लगा हुआ है।  चर्चा है कि पठान बहुत जल्द बड़े स्तर पर इसके कुकर्मो की दासतां प्रमाणों के साथ समाज के सामने लाकर इसके चेहरे पर पड़े नकाब को नोचने वाला है। भागगव की  बौखलाहट इस बात को लेकर भी है कि पठान  हर उस ठिकाने पर इसके दुष्कर्मो की कहानी चस्पा करेगा जहां - जहां यह धूर्त अपने को पत्रकार बताकर पारसा बना फिरता है। पठान के बारे में यह कहता है की वो बीड़ी पीता है  उसे यह नहीं मालूम कि पठान अपनी मेहनत की कमाई से अपने शोक़ पूरे करता है , उसने फ़र्जी रवन्ने बना - बना कर, हर्टीकल्चर में डांका डालकर या सरकारी अफसरों - ठेकेदारो या बिल्डरों को हड़का कर उसकी तरह अपने शोक पूरे करने की आदत नहीं डाली।

सब जानते है कि अवैध भागगव को पिछले  भाग में गंभीर बीमारी क्यों हुयी ? क्यों कि इसके उस भाग का उपयोग अधिक हो गया था। इस हद तक की मेल नर्स रहते हुए इसने एक साथी से अपना शोक़ पूरा करने के लिए जबरदस्ती की और वह नहीं माना तो भागगव ने  उसका वो अंग ही काट दिया।
 पठान का बस यही अपराध है कि उसने पत्रकारिता में गंदगी फेलाने वाले अपराधियों के खिलाफ बीड़ा उठाया है,  यदि यह अपराध है तो पठान को यह अपराध बार -बार करना चाहिए।
पठान का प्रयास है कि पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे से अपराधी पलायन करें और पत्रकारिता का सम्मान हो। यही कारण है कि अपनी मण्डली में लंगड़े के नाम से बदनाम यह चीटर पठान पर तथ्यहीन और मनघड़ंत आरोप मंडकर अपने कुकर्मो को छुपाने का प्रयास कर रहा है।

चेला मस्तराम - परन्तु बाबा इस दुष्ट से तो इसका परिवार कष्ट में रहता होगा ?
बाबा गुरुघंटाल - काहे का परिवार, पत्नी और बच्चे भी इसके नहीं हैं, वो भी भगवानदास सिंधी के है जिन्हें यह जाल -साज़ अपना बताता है। उसकी कहानी कुछ इस तरह है -जब अवैध भागगव जेल में सजा काट रहा था तभी भगवानदास सिंधी भी जेल में बंद था, उससे मिलने उसकी पत्नी भी आया करती थी,, इसी बीच भागगव की नज़र भगवानदास की पत्नी पर ख़राब हो गयी और जेल से छूटने के बाद भागगव भगवानदास के साथ रहने लगा, गरीब भगवानदास को क्या पता था कि जिसे वो  अपना  मित्र मानकर आश्रय दे रहा है वही एक दिन शत्रु बनकर  उसकी अर्धांग्नि को लेकर भाग जायेगा। उस दिन के बाद से भगवानदास का किसी को कुछ पता नहीं है , कोई कहता है की इस सदमें में वह पागल हो गया , कोई कहता है की उसकी हत्त्या हो गयी ? सच क्या है यह ईश्वर ही जनता है।
चेला मस्तराम - बाबा इसकी मित्रमंडली के बारे में बताएं।
बाबा गुरुघंटाल - काहे की मित्र मण्डली, जितने शहर के चोर - उचक्के है वो सब इसकी मित्रमंडली में शामिल हैं, हत्यारे, डकैत, ब्लैक मेलर, हफ्ता वसूली करने वाले, चकले चलने वाले, चारसो बीस और पत्रकारिता की आड़ में सूचना के अधिकार के नाम पर अधिकारीयों, ठेकेदारों और बिल्डरों को हड़काकर उनसे वसूली करने वाले और फ़र्ज़ी  प्रसार संख्या बताकर सरकारी विज्ञापन बटोरने वाले लोग इस की गैंग में शामिल हैं। रोचक तथ्य यह है की यह सब दिखावे के लिए एक हैं. वास्तव में सब एक दूसरे को निर्वस्त्र करने में लगे रहते है।
चेला मस्तराम - मतलब इन दुष्टों का कोई धर्म - ईमान और चरित्र नही है। बाबा आपने मेरा ज्ञानवर्धन किया इसके लिए धन्यवाद , लेकिन दुःख इस बात का है कि भागगव जैसें लोग पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे में घुसकर समाज में हुड़दंग मचा रहे है और जिम्मेदार लोग मूकदर्शक बनकर इन दुष्टों का तमाशा देख रहे हैं !
अरशद अली ख़ान  -09425025438
अपराधी भगाव -पत्रकारिता बचाव
जनहित में जारी

अपनी करतूतों को छिपाने के लिए समय -समय पर यह अपराधी सरकारी अफसरों की दलाली करता रहता है पढ़िए यह रिपोर्ट जिसमें बताया गया है कि किस प्रकार से अवधैश भार्गव ने राजगढ़ के एक पत्रकार को झूठे मामले में फसाने के लिए  घिनौना शड्यंत्र रचा -

पत्रकार अनूप सक्सेना पर महिला से छेड़छाड़ का झूठा प्रकरण लगवाने के सूत्रधार अवधेश भार्गव और यावर खान
भोपाल। सोशल मीडिया के जरिये  राजगढ़ जिले के जुझारू पत्रकार अनूप सक्सेना को ब्लैक मेलर बताने वाले अवधेश भार्गव और यावर खान जैसे  धूर्तो की करतूतों का खुलासा उस समय हुआ जब आवेदिका श्रीमती संगीता सक्सेना के आवेदन पर पुलिस उप महानिरीक्षक भोपाल रेंज ने मामले की जांच नगर पुलिस अधीक्षक गोविंदपुरा को करने के निर्देश दिए। जब नगर पुलिस अधीक्षक गोविंदपुरा ने मामले की जांच की तो पता चला कि अनूप सक्सेना पर लगा छेड़छाड़ का आरोप पूरी तरह फ़र्ज़ी है और इसके सूत्रधार अवधेश भार्गव और एक वकील हैं।

नगर पुलिस अधीक्षक गोविंदपुरा ने पुलिस उप महानिरिक्षक को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि " तथ्यों के संबंध में मेरे द्वारा आवेदिका संगीता सक्सेना व प्रकरण से सम्बंधित फरियादिया श्रीमती कशिश नवलानी पत्नी सतीश नवलानी , प्रकरण के साक्षी गौरव पिता समतेराज, बलराम पिता कन्हैया , अन्य साक्षी गोलू रावत पिता काशीराम, सतीश नवलानी को तलब कर पूछताछ कर कथन लिए गए हैं  तथा घटना के सम्बन्ध में  वास्तविक स्थिति स्पष्ट करते हुए सीएसपी एम पी नगर श्री अरविन्द खरे , थाना प्रभारी अशोका गार्डन श्री रुपेश दुबे व प्रकरण के विवेचक उप निरीक्षक आर सी जर्या से लिखित में स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया तथा जांच के दौरान पाये गए तथ्यों एवं आये नामो के आधार पर कशिश , यावर खान वकील ,अवधेश भार्गव के मोबाईल नंबरों की काल डिटेल प्राप्त की गयी , जो जांच में संलग्न है।"

नगर पुलिस अधीक्षक गोविंदपुरा ने अपने चार पृष्ठ की रिपोर्ट में आगे लिखा है कि " प्रकरण की फरयादिया कशिश नवलानी ने अपने कथन में बताया है कि इसका इसके पति से तलाक़ का केस भोपाल कोर्ट में चल रहा है , जिसका वकील यावर खान है , इसी यावर खान व अवधेश भार्गव के कहने पर इसने घटना दिनांक 27.12.13 को अनूप सक्सेना नाम के व्यक्ति के विरुद्ध झूठी छेड़छाड़ की शिकायत थाना अशोक गार्डन में व सीएसपी आफिस एम पी नगर एवं एस पी आफिस में की थी , जिस पर झूठा छेड़छाड़ का अपराध अनूप सक्सेना के विरुद्ध दर्ज कराया है। यह अनूप सक्सेना को कभी नहीं मिली है और न ही जानती पहचानती है। अनूप सक्सेना द्वारा इसके साथ घटना दिनांक को कोई छेड़छाड़ नहीं की है।

प्रकरण के मुख्य गवाह गौरव पिता समतेराज, बलराम पिता कन्हैया एवं गोलू रावत ने भी एक दूसरे के कथनों की ताईद करते हुए बताया है कि घटना दिनांक को यावर खान वकील व अवधेश भार्गव के कहने पर व उनके द्वारा लालच व नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिए जाने के कारण इन्होंने पुलिस के सामने झूटी गवाही दी थी , इनके सामने घटना दिनांक 27.12.14 को घटना स्थल साक्षी इंटरप्राइजेस के सामने अशोक गार्डन में ऐसी कोई छेड़छाड़ जैसी घटना किसी के साथ नही हुई थी , यह किसी कशिश व अनूप सक्सेना नाम के व्यक्ति को जानते पहचानते नहीं है। "

   नगर  पुलिस अधीक्षक गोविंदपुरा की सनसनी खेज़ इस  रिपोर्ट  से स्पष्ट है  कि किस प्रकार से ईमानदार पत्रकारों को दुष्ट और जालसाज़ लोगों के कारण झूठे मुक़दमों से दो -चार होना पड़ता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और पुलिस महानिदिशक श्री सुरेन्द्र सिंह को चाहिए कि अवधेश भार्गव जैसे चीटरों की पृष्ठभूमि की जांच कराकर समाज के सामने बे नक़ाब करें जिससे फिर कोई अनूप सक्सेना जैसा निर्दोष पत्रकार फिर कभी  झूठे मामले में ना फंस सके.
दुर्भाग्य देखिए कि एक तरफ़ मुख्यमंत्री जी गंदगी से मीडिया के गठजोड़ पर चिंता व्यक्त करते हैं दूसरी और जनसम्पर्क विभाग के अधिकारी अपने व्यक्तिगत हितों के लिए अवधेश भार्गव जैसी गंदगी को संरक्षण दे रहे हैं. लाखों रूपय के विज्ञापन देकर आर्थिक लाभ पहुंचाकर सज़ायाफ़ता अपराधी को पत्रकारों की जमात में शामिल करके मुख्यमंत्री की इच्छा का मज़ाक बना रहे हैं.
हमारा मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि अधिकारियों और अपराधियों के गठजोड़ को तौड़ने के लिए सख़्त क़दम उठाएं  वर्ना एस के मिश्रा जैसे कालीदास जिस डाल पर बैठेंगे  उसी को काटेगे.

http://bhopalworkingjounalistunion.blogspot.in/2015/04/blog-post_1.html?m=1








सरकार चीन में फेसबुक द्वारा अधिकृत मैसेजिंग ऐप Whatsapp ओ पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है। आपको बता दें कि Open Observatory of Network Interference (OONI) नेटवर्क ने कहा है कि चीन में इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों ने Whatsapp को 23 सितम्बर को पूरी तरह से बंद कर दिया है। अर्थात् इस सेवा को चीन में बंद कर दिया गया है। हालाँकि आपको यह भी बता दें कि यह महज एक दिन में ही नहीं किया गया है, पिछले काफी समय से ऐसा सामने आ रहा था कि चीन में Whatsapp ओ बंद किया जा रहा है। और इस प्रक्रिया को धीरे धीरे अंजाम दिया गया है। 19 सितम्बर को चीन के कुछ लोगों ने ट्विट करके भी इस बारे में जानकारी दी थी कि उनका Whatsapp अब काम नहीं कर रहा है। जैसा कि मैंने आपसे कहा कि पिछले लगभग एक महीने से ऐसा सामने आ रहा था कि कभी किसी का और कभी किसी का Whatsapp बंद किया जा रहा था। इसके अलावा इस विषय में Whatsapp ने अपनी चुप्पी को वैसे ही बनाये रखा है, जैसा कोई भी कंपनी किसी कार्य को अंजाम देने के बाद चुप्पी साध लेती है Whatsapp को इस तरह से ब्लॉक किये जाने के पीछे का जो सबसे बड़ा कारन नजर आ रहा है, वह अगले महीने चीन में होने वाली सत्ता पक्ष की 19वीं नेशनल कांग्रेस है। यह एक ऐसी सभा कही जा सकती है, जो काफी सेंसिटिव है, और यहाँ आने वाले लोगों के बारे में किसी को कोई जानकारी न हो सके शायद इस कारण भी यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा आपको बता दें कि यह कांग्रेस हर पांचवें साल में आयोजित होती है। और यहाँ इस दौरान सरकार के नेताओं को चुना जाता है और निति निर्माण के कार्य को भी अंजाम दिया जाता है। 23-whatsapp-image-1 चीन हमेशा से इस तरह की सभाओं के दौरान अपने देश में इंटरनेट को लेकर काफी सख्त रहता है। और ऐसा आज पहली दफा नहीं हो रहा है ऐसा पहले भी कई बार सामने आया है, चीन में ऐसी कई जगह भी हैं, जहां आपको इंटरनेट जैसी कोई चीज़ नहीं मिलती है साथ ही ऐसे कई म्यूजियम भी हैं, जहां महज चीनी लोग ही जा सकते हैं। अन्य कसी देश के नागरिक को यहाँ जाने की अनुमति नहीं है। इसे ही देखते हुए यह कहा जा सकता है कि चीन अपने देश की सुरक्षा को लेकर काफी सतर्कता बरतता है। आपको बता दें कि Director of the Digital and Cyberspace Policy Program at the Council on Foreign Relations, Adam Segal का कहना है कि, “आमतौर पर इस तरह की कांग्रेस आदि के आयोजन के समय हमने चीन में देखा है कि वह इंटरनेट को ब्लॉक कर दिया करते हैं, उसे फ़िल्टर कर देते हैं, और कई सारी पाबंदियां भी उसपर लगा दी जाती है। और ऐसा पिछले कुछ समय में बड़े पैमाने पर सामने आया है।” whatsapp-ios-app-getty-image चीनी सरकार महान फ़ायरवॉल के रूप में जाने वाली इंटरनेट फिल्टर का एक बड़ा उपकरण चलाती है, जो कॉन्टेंट को सेंसर करने के लिए इस्तेमाल में ली जाती है। और यह वह कॉन्टेंट होता है जो देश के लिए हानिकारक हो सकता है। हालाँकि इस तरह के मामलों अगर देखा जाये तो चीन में ऐसा होना सही भी कहा जा सकता है, क्योंकि देश की सुरक्षा सभी के लिए सर्वोपरि है लेकिन अगर इससे मानव अधिकारों का हनन हो रहा है, तो इसपर एक बार विचार करना बहुत जरुरी है। हालाँकि चीन की इंटरनेट रेगुलेटरी ने इस बारे में किसी तरह की कोई चर्चा करने से इनकार दिया है। इसी कारण इस तरह के निर्णय जनता को आहत करते हैं। अब सवाल यहाँ यह उठता है कि क्या इस कांग्रेस के समापन के बाद चीन में एक बार फिर Whatsapp को शुरू किया जाएगा या नहीं?ने लगाया व्हाट्सएप पर प्रतिबंध, अब नहीं कर पाएंगे चैंटिंग

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चीन में फेसबुक द्वारा अधिकृत मैसेजिंग ऐप Whatsapp ओ पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है। आपको बता दें कि Open Observatory of Network Interference (OONI) नेटवर्क ने कहा है कि चीन में इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों ने Whatsapp को 23 सितम्बर को पूरी तरह से बंद कर दिया है। अर्थात् इस सेवा को चीन में बंद कर दिया गया है।

हालाँकि आपको यह भी बता दें कि यह महज एक दिन में ही नहीं किया गया है, पिछले काफी समय से ऐसा सामने आ रहा था कि चीन में Whatsapp ओ बंद किया जा रहा है। और इस प्रक्रिया को धीरे धीरे अंजाम दिया गया है। 19 सितम्बर को चीन के कुछ लोगों ने ट्विट करके भी इस बारे में जानकारी दी थी कि उनका Whatsapp अब काम नहीं कर रहा है।

जैसा कि मैंने आपसे कहा कि पिछले लगभग एक महीने से ऐसा सामने आ रहा था कि कभी किसी का और कभी किसी का Whatsapp बंद किया जा रहा था। इसके अलावा इस विषय में Whatsapp ने अपनी चुप्पी को वैसे ही बनाये रखा है, जैसा कोई भी कंपनी किसी कार्य को अंजाम देने के बाद चुप्पी साध लेती है

Whatsapp को इस तरह से ब्लॉक किये जाने के पीछे का जो सबसे बड़ा कारन नजर आ रहा है, वह अगले महीने चीन में होने वाली सत्ता पक्ष की 19वीं नेशनल कांग्रेस है। यह एक ऐसी सभा कही जा सकती है, जो काफी सेंसिटिव है, और यहाँ आने वाले लोगों के बारे में किसी को कोई जानकारी न हो सके शायद इस कारण भी यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा आपको बता दें कि यह कांग्रेस हर पांचवें साल में आयोजित होती है। और यहाँ इस दौरान सरकार के नेताओं को चुना जाता है और निति निर्माण के कार्य को भी अंजाम दिया जाता है।


चीन हमेशा से इस तरह की सभाओं के दौरान अपने देश में इंटरनेट को लेकर काफी सख्त रहता है। और ऐसा आज पहली दफा नहीं हो रहा है ऐसा पहले भी कई बार सामने आया है, चीन में ऐसी कई जगह भी हैं, जहां आपको इंटरनेट जैसी कोई चीज़ नहीं मिलती है साथ ही ऐसे कई म्यूजियम भी हैं, जहां महज चीनी लोग ही जा सकते हैं। अन्य कसी देश के नागरिक को यहाँ जाने की अनुमति नहीं है। इसे ही देखते हुए यह कहा जा सकता है कि चीन अपने देश की सुरक्षा को लेकर काफी सतर्कता बरतता है।

आपको बता दें कि Director of the Digital and Cyberspace Policy Program at the Council on Foreign Relations, Adam Segal का कहना है कि, “आमतौर पर इस तरह की कांग्रेस आदि के आयोजन के समय हमने चीन में देखा है कि वह इंटरनेट को ब्लॉक कर दिया करते हैं, उसे फ़िल्टर कर देते हैं, और कई सारी पाबंदियां भी उसपर लगा दी जाती है। और ऐसा पिछले कुछ समय में बड़े पैमाने पर सामने आया है।”


चीनी सरकार महान फ़ायरवॉल के रूप में जाने वाली इंटरनेट फिल्टर का एक बड़ा उपकरण चलाती है, जो कॉन्टेंट को सेंसर करने के लिए इस्तेमाल में ली जाती है। और यह वह कॉन्टेंट होता है जो देश के लिए हानिकारक हो सकता है। हालाँकि इस तरह के मामलों अगर देखा जाये तो चीन में ऐसा होना सही भी कहा जा सकता है, क्योंकि देश की सुरक्षा सभी के लिए सर्वोपरि है लेकिन अगर इससे मानव अधिकारों का हनन हो रहा है, तो इसपर एक बार विचार करना बहुत जरुरी है। हालाँकि चीन की इंटरनेट रेगुलेटरी ने इस बारे में किसी तरह की कोई चर्चा करने से इनकार दिया है। इसी कारण इस तरह के निर्णय जनता को आहत करते हैं। अब सवाल यहाँ यह उठता है कि क्या इस कांग्रेस के समापन के बाद चीन में एक बार फिर Whatsapp को शुरू किया जाएगा या नहीं?

कोर्ट फटकार - जिला शिक्षा अधिकारी मंदसौर तीन माह में प्रकरण निराकृत करें,वर्ना ₹ 5000/- क्लेम भी देना होगा

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नीमच - माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में सेवानिवृत सहायक शिक्षक श्रीमती रूक्मण वर्मा के नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान हेतु दायर याचिका क्रमांक 8234/15 पर पारित निर्णय दिनांक 08/12/2015 का पालन न करने पर तात्कालिक प्रमुख सचिव म.प्र. शासन  स्कूल  शिक्षा विभाग श्री एसआर मोहंती, श्री आरती शर्मा संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन उज्जैन,  जिलाकोषालय एवं शिक्षा  अधिकारी द्वय श्रीपद्मकुमार प्रजापति व बीएस पटेल के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में पुनः अवमानना प्रकरण क्रमांक 540/16 दर्ज किया गया जिसकी सफल पैरवी अधिवक्ता श्री एसआर पोरवाल ने की।

म.प्र. तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि शिक्षा विभाग में माननीय न्यायालय की अवमानना  से मुश्किलें खड़ी हो गई है। हाल ही में अनुकंपा नियुक्ति के  प्रकरण में एक जिला शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया गया है ।

श्रीमती वर्मा के प्रकरण में जिला शिक्षा अधिकारी मंदसौर ने न्यायालयीन आदेश के विपरीत श्रीमती वर्मा का अभ्यावेदन निरस्त करने पर अवमानना दायर की गई थी जिस पर माननीय न्यायालय ने दिनांक 09/09/2017 को अपने आदेश से जिला शिक्षा अधिकारी मंदसौर को फटकार लगाते हुए कहा कि तीन महीने में नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान दिया जावे नहीं तो ₹ 5000/- क्लेम भी देना होगा। अपने आदेश में माननीय न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर 930/2008 म.प्र. शासन विरुद्ध पंकज सक्सेना पर पारित आदेश दिनांक 19/02/2015 के प्रकाश में आयुक्त म.प्र. लोक शिक्षण संचालनालय के   संचालक श्री एके दीक्षित ने दिनांक 13/05/2016 को  1973-74 से 1981-82 एवं 1995-96 से 1997-98 के बीच नियुक्त उप शाला शिक्षक/उप शिक्षक/सहायक शिक्षक को नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान देने के आदेश जारी किए है । 1982-83 से 1994-95 वालों को पूर्व में नियमित वेतनमान के आदेश दिए गए थे । आदेशों के आलोक में नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान दिया जाए नहीं तो ₹ 5000/-क्लेम भी देना होगा ।

कर्मचारी नेता कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा कि प्रदेश भर में ऐसे समस्त सहायक शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान की पात्रता है जिनकी नियुक्ति 1973-74 से 1997-98(25 वर्षो की अवधि) अर्थात शिक्षाकर्मी भर्ती होने तक हुई थी । चाहे उन्होंने ने सीधे विद्यालय में या प्रशिक्षण संस्था में उपस्थिति दी हो । बशर्ते इसके लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया हो । मंदसौर जिले का ऐसा ही एक और प्रकरण श्रीमती लक्ष्मी गंगराड़े का माननीय न्यायालय में अवमानना पर चुनौती का चल रहा है आशा है उस पर भी शीघ्र ही न्याय मिलेगा ।

आर्मी चीफ बिपिन रावत की चेतावनी, दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक के लिए तैयार रहे पाक

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भारत की पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को एक साल होने वाला है. इस सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने के लिए पाकिस्तान कोई भी रास्ता अपनाने को तैयार है.

भारतीय सेना भी उनके हर मंसूबे को नाकाम करके उन्हें मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार बैठी है. सेना के चीफ ने तो आतंकियों के लिए खुला ऐलान कर दिया है. आर्मी चीफ ने आतंकियों को चेतावानी देते हुए कहा है कि,’ इधर आने के लिए सीमा के उस पार आतंकी तैयार बैठे हैं. और इस पार हम उनके तैयार बैठे हैं. अगर वो इधर आये तो हम उन्हें ज़मीन में ढाई फीट नीचे गाड़ देंगे.’ आर्मी चीफ बिपिन रावत ने सख्त लहजे में आतंकियों को चेताया है.

आर्मी चीफ ने पाकिस्तान को एक बार फिर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए चेतावनी देते हुए कहा,’सर्जिकल स्ट्राइक के ज़रिये हम पाकिस्तान को जो सन्देश देना चाहते थे, वो हमने दिया. अगर पाक को ये समझ नहीं आया तो एक बार फिर हम सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे.

जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हाल ही में सेना के जवानों ने जैश ए मोहम्मद के चार आतंकियों को ढेर किया था. उनके बारे में रिपोर्ट है कि वे सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने के इरादे से आये थे. मगर उनके मंसूबों पर आर्मी के जांबाजों ने पानी फेर दिया और उन्हें मौत के घाट उतार दिया.

फिर भी अभी ख़तरा टला नहीं है. जिस ग्रुप के ये चारों आतंकी थे उसमें कुल 15 आतंकी शामिल थे. जैश ए मोहम्मद का ये ग्रुप उत्तरी कश्मीर से भारत की सीमा में दाखिल हुआ. 29 सितंबर को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी. तब से पाकिस्तान उरी जैसे किसी बड़े हमले की फिराक में है ताकि वो सर्जिकल स्ट्राइक का बदला ले सके. लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी उसे नाकाम बना रही है.

जेल से रिहा होने वाला है राम रहीम, अपनाया यह तरीका?

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चंडीगढ़: सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दो साध्वियों से रेप के मामले में 20 साल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम राहीम ने अब सीबीआई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राम रहीम के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

जेल से रिहा होने वाला है राम रहीम, अपनाया यह तरीका?
बतादें कि डेरा प्रमुख ग्रामीत राम राहीम को सीबीआई की विशेष अदालत ने 15 साल पुराने दो साध्वियों के साथ रेप के मामले में 20 साल की सजा सुनाई थी। राम रहीम अभी रोहतक की सोनारिया जेल में बंद है। वहीँ राम रही ने सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए पंजाब हरियाणा होईकोर्ट की शरण ली है।
राम रहीम के वकील ने हाईकोर्ट में सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सजा को चुनौती दी है। मालूम हो कि 25 अगस्त को पंचकूला स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को दो रेप के मामलों में दोषी करार दिया था। दोषी बनाए जाने के बाद 28 अगस्त को कोर्ट ने राम रहीम को दोनों मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई थी।

खुली जीप नहीं मिली तो ‘युवराज’ ने चुना बैलगाड़ी


वहीँ रोहतक की सोनारिया जेल में बंद राम रहीम के वकेले ने इस पूरे मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसके साथ ही बता दें कि सजा सुनाये जाने के बाद पंचकूला में हिंसा भड़क गयी थी, राम रहीम के समर्थकों ने पंचकूला को आग के हवाले कर दिया था।

इस हिंसा में कई लोगों की मौत हो गयी थी। वह्गिन पूरी हिंसा को भडकाने और राम रहीम को भगाने की साजिश रचने के मामले में राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत तभी से फरार है, हरियाणा पुलिस उसकी खोज में लगी हुई है।

प्यार में धोखा खाई लड़की ने बीच सड़क पर प्रेमी की पिटाई की, पोथा फोड़ दीया , देखें वीडियो

लखनऊ। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें प्यार में धोखा खाई एक लड़की अपने प्रेमी की जमकर धुनाई करती हुई दिखाई दे रही है। जब लड़की अपने प्रेमी की पिटाई कर कर रही थी तभी वहां मौजूद एक युवक ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

वीडियो में दिख रहा है कि कैसे लड़की सबके सामने अपने प्रेमी की धुनाई कर रही है और वह उससे रहम की भीख मांग रहा है। इस दौरान वहां मौजूद लोग इस पूरे तमाशे को मज़ा लेकर देखते रहे। हालांकि यह वीडियो कहां का है इस बात का पता अभी नहीं चल पाया है।

फिलहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर सभी प्रेमियों के लिए एक सबख भी बनता जा रहा है। p

भारतीय संविधान किसने बनाया-सर्वे के नतीजे

TOC NEWS // डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

भारत एक लोकतांत्रित गणतंत्र है। इस वजह से सरकार और प्रशासन के संचालन में भारत के संविधान का सर्वाधिक महत्व है। सरकार और प्रशासन के सफल संचालन के लिये देश के लोगों को संविधान का ज्ञान होने की उम्मीद की जाती है। इसके बावजूद भारत में आम नागरिकों और उच्च पदस्थ अधिकारियों तक में संविधान का ज्ञान हासिल करने के प्रति कोई विशेष रुझान नहीं देखा जाता है। सोशल मीडिया पर इन देशभर के लोग सक्रिय हैं।


जो संविधान सहित विभिन्न विषयों पर आये दिन अपनी राय प्रकट करते रहते हैं। ऐसे ही सक्रिय लोगों में से मुझ से वाट्सएप पर देश के 22 प्रदेशों और 4 केन्द्र शासित प्रदेशों के 4213 लोग सीधे जुड़े हुए हैं। ब्रॉड कास्टिंग के जरिये इनके मध्य एक सर्वे आयोजित किया गया। सर्वे का विषय था: *सवाल: भारतीय संविधान किसने बनाया?* हमारी ओर से निम्न 8 विकल्प दिये गये। सर्वे में 4213 में से करीब 68.81% (2899) लोगों ने भाग लिया। जिसे अच्छी भागीदारी माना जा सकता है। जिसके परिणाम इस प्रकार रहे:-

1. डॉ. बीआर अम्बेडकर द्वारा। 1966 (39.12%)
2. भारत के लोगों द्वारा। 45 (1.55 %)
3. संविधान सभा द्वारा। 968 (33.39%)
4. बहुसंख्यक भारतीयों द्वारा। 99 (3.41%)
5. तत्कालीन ताकतवर लोगों द्वारा। 365 (12.59%)
6. ब्रिटिशभक्त राजनेताओं द्वारा। 201 (6.93%)
7. उक्त सभी के द्वारा। 27 (0.93%)
8. अन्य:...... 60 (2.06%)

सर्वे में भाग लेने वालों की सामाजिक हिस्सेदारी आंकड़ों में निम्न प्रकार समझी जा सकती है:
मायनोरिटी के करीब 4.21% (122)
ओबीसी के करीब 14% (403)
अजा वर्ग के करीब 39.15% (1135) और
अजजा वर्ग के करीब 36.63% (1062)
अनारक्षित वर्ग के करीब 6.11% (177)

सर्वे में भाग लेने वालों की कुछ रोचक और महत्वपूर्ण टिप्पणियां:


1. अनारक्षित वर्ग राजकुमार भार्गव चूरू, राजस्थान लिखते हैं कि ''सर जहाँ तक मैंने राजनीति मे पढा था कि सविधान के निर्माता डॉ. बी आर अम्बेडकर को बताया गया था जीसको बनाने मे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था। और एक जगह पढा जिसमें बताया गया कि संविधान का निर्माण एक संबिधान सभा ने किया है। संविधान सभा में 299 लोग थे। इन सब लोगों ने मिलकर संबिधान बनाया था। संबिधान सभा के कानूनी सलाहकार B. N. Rao थे। Rao ने ही संबिधान का पहला प्रारूप बनाया था। इस प्रारूप की जांच के लिए एक प्रारूप समिति बनाई गई थी। इस समिति में 8 लोग थे। जिसमें सिर्फ

1 सदस्य आंबेडकर था। जिसे प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया और इसी को संबिधान निर्माता कहते हैं। आंबेडकर को संबिधान सभा में बंगाल से चुना गया था। संबिधान सभा के अध्य्क्ष राजेंद्र प्रसाद थे। लेकिन जनरल केटेगरी का होने के कारण इनका नाम नहीं लिया जाता है। संबिधान सभा के बहस में नेहरू जी और पटेल जी का अहम योगदान था। लेकिन इन दोनों का नाम भी हटा दिया गया। डॉ. राधाकृष्णन सभा के प्रथम प्रवक्ता थे। लेकिन जनरल होने के कारण इनका नाम भी हटा दिया गया।''

2. अजजा वर्ग के कृष्णा मीणा, चाकसू जयपुर राजस्थान लिखते हैं कि ''जहाँ तक मैने पढा है तो यह ब्रिटिश राज में तैयार किया गया अधिनियम था जो उन्होने अपने फायदे के लिए बनाया था पर जब भारत आजाद हुआ तो भारतीय नेताओ ने उसमें कुछ परिवर्तन करके उसे अपना लिया जिसमें हम देख सकते हैं कि आज भी आम आदमी से ज्यादा पैसे वालो का बोलबाला है।''

3. अजजा वर्ग वीसाराम मीणा जालोर, राजस्थान लिखते हैं कि ''मेरे हिसाब से तो सारे तत्व शामिल होंगे. मेरे जहन मे एक प्रशन लगातार आ रहा है कि क्या अंबेडकर नहीं होते तो भारत का संविधान बनता और बनता कैसा बनता. दुनिया भर मे संविधान बने हुए और सारे देशो के संविधान उनके लोगो के कल्याण हेतु बनाए गए है. आपके भारत के संविधान यानि अंबेडकर संविधान कमजोर वर्ग या आपके अनुसार मोस्ट वर्ग को ताकत मिली है या उल्टा जातिवाद का जहर बढता जा रहा है? आपके अनुसार अंबेडकर के संविधान ने मोस्ट वर्ग को ताकत दी है या जातिवाद का जहर बढाया है?''

4. अजजा वर्ग की अनिता सोलंकी, सेंधवा, मध्य प्रदेश लिखती हैं कि ''डॉ बी आर अम्बेडकर द्वारा लेकिन उनके साथ मेंएक नाम हम भूल जाते है जो सिर्फ आदिवासी नाम देकर गये जयपालसिंग मुंडा जिन्होंने आदिवासीयो के लिए संविधानिक लडाई लडे.''

5. अजा वर्ग के कल्पेश आर सोलंकी भरूंच गुजरात लिखते हैं कि ''हम तो समाज में आम्बेडकर वाद लाना चाहते है इस लिये में तो बाबा साहब ही कहुगा''

6. अजा वर्ग की राजेश शाक्य कोटा राजस्थान लिखती हैं कि ''यह सवाल क्यो? डा. भीम राव अम्बेडकर जी ने ही लिखा है.''

7. मॉयनोरिटी वर्ग के सरदार गुरमीत सिंह अम्बाला हरियाणा लिखते हैं कि ''भारतीय संविधान का मूल पाठ अंग्रेजों दुवारा ही निर्मित है, जिसमे कुछ भारतीय सन्दर्भ में पैबन्द लगाए गए है, देश की सबसे बड़ी ताकत न्याय प्रणाली है,जो आई पी सी से चलती है जो अंग्रेजो ने भारतीयों को गुलामी में जकड़ने के लिए 1861 में बनाई थी जो आजाद भारत मे ज्यों की त्यों लागू है,ये ही आई पी सी पाकिस्तान में भी लागू है,किसी कनसीपरेन्सी के तहत ही यह चलन में है।''

8. अजा वर्ग के उत्तम कुमार गौतम, लखनऊ, उत्तर प्रदेश लिखते हैं कि ''संविधान सभा में कुल 7 सदस्य थे, सभी निकम्मे, मूर्ख, बीमार और विदेश घूमने वाले थे. 7तो सदसयो ने कुछ नहीं किया. अकेले बाबा साहब ने संविधान सारा बनाया. संविधान बनाने पर सवाल उठाने वाले बाबा साहब के और बाबा साहब के संविधान के दुश्मन हैं. संविधान बुद्धमय भारत बनाने का सूत्र है. भारत एक दिन बुद्धिस्तान बनेगा.''

9. ओबीसी के प्रेम प्रकाश भाटी, धार मध्य प्रदेश से लिखते है कि''संविधान तो संविधान सभा ने बनाया था. वोट के लिये अम्बेड़कर को निर्माता बना दिया. सूचना अधिकार कानून के तहत पूछा जा सकता है कि संविधान निर्माता कौन है। संविधान को बनाने में संविधान सभा के सदसय रहे देश के विद्वानों का योगदान है। अकेल अम्बेड़कर को श्रेय देना संविधानसभा का अपमान है।''

10. अनारक्षित वर्ग के अरुण मिश्रा पटना, बिहार से लिखते हैंकि ''संविधान अंग्रेजी अधिनियमों की नकल के साथ दूसरे देशों के संविधानों की नकल है। खुद अम्बेडकर ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे घटिया संविधान बताया है। यही वजह है कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है। दलित, आदिवासी अभी भी सत्ता से कोसों दूर हैं। कुछ परिवार रिजर्वेशन का फायदा उठा रहे हैं। संघ की चंडान चौकड़ी संविधान की धज्जियां उड़ा रही है। लेकिन संविधान कुछ नहीं कर सकता। ऐसा संविधान किस काम का?''

मुख्यमंत्री की घोषणा मात्र से पूरी नहीं होगी किसानों की मंशा आगामी चुनावी बिसात बिछा गये प्रदेश के मुखिया

TOC NEWS // देवराज डेहरिया

सिवनी -ंउचय जिले के केवलारी विकासखण्ड के अंतर्गत कृषि उपज मंडी पलारी में खण्ड स्तरीय कृषक संगोष्ठी एवं तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान समेत कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते, केवलारी विधायक रजनीश ठाकुर, सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन, बरघाट विधायक कमल मर्सकोले, भाजपा जिला अध्यक्ष नीता पटेरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष मीना बिसेन, जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चतुर्वेदी, केवलारी जनपद पंचायत अध्यक्ष रंजना शशिकान्त ठाकुर सहित अनेक वरिष्ठ भाजपायी नेता, जिला पंचायत व जनपद पंचायत सदस्य तथा कई हजारों की संख्या में आमजन एवं कृषक शामिल हुये।

ज्ञात होवे कि इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा नवनिर्मित मंडी प्रांगण का लोकार्पण एवं मंडी रोड निर्माण का भूमिपूजन किया गया। पश्चात इसके मंच में पहुंचते ही सर्वप्रथम उन्होने माईक संभाला और किसानों से चिंता न करने की बात कहकर आयोजित कृषक संगोष्ठी व तकनीकी प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य रबी की फसल के समय कम सिंचाई वाली कौन सी फसल बोई जावे, इसके बारे में उन्होने वैज्ञानिकों से किसानों को सलाह देने की बात कहकर मंचासीन हो गये। पश्चात इसके वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को बताया गया कि अगली कम पानी वाली फसल की बौनी एवं कम लागत में अधिक उत्पादन के कई गुण बताये गये। लगभग तीन से चार कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को सलाह दी गई।

इसके बाद स्थानीय विधायक ठाकुर रजनीश सिंह ने मुख्यमंत्री से 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपते हुये कहा कि अल्प वर्षा से नष्ट हुई खरीफ की फसल सोयाबीन, धान, मक्का, उड़द, मूंग आदि फसलों की नुकसानी का तत्काल सर्वे कर मुआवजा देने की मांग की, उन्होने कहा कि फसल बीमा के लाभ किसान भाईयों को दिलायें जावे। साथ ही छिंदवाड़ा जिले में बने माचागोरा बांध से भीमग-सजय़ बांध में पानी गिराये जाने की भी मांग रखी ताकि किसानों को कम से कम एक या दो पानी अगली कम पानी वाली फसलों के लिये मिल सके। इसके बाद फग्गनसिंह कुलस्ते सांसद द्वारा भी अल्प वर्षा से नुकसानी का जिक्र कर अगली फसल वैज्ञानिकों के बताये अनुसार बौने की सलाह दी। पश्चात इसके कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा कम लागत में अधिक उत्पादन के बारे में बताकर किसानों को कृषि यंत्र खरीदने पर अनुदान देने की बात कही।

ज्ञात होवे कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किसानों को संबोधित करते हुये कहा कि किसान पराम्परागत खेती एवं मौसम पर आधारित खेती छोड़कर वैज्ञानिक तरीके से नये किस्म की खेती करें, और उसका लाभ उठायें उन्होने कहा कि पुरानी पद्धति से की जा रही खेती के कारण किसानों को प्रत्येक सीजन में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। जिससे किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है। साथ ही उन्होने वहीं मुख्यमंत्री ने माइक लेकर उनको वैज्ञानिकों के लिये तालियां बजाने की बात कही । इसके बाद जब संबोधन के लिये माइक सम्भाला तो मुख्यमंत्री के एक-ंउचयएक शब्द में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां -हजयलक रही थी। उन्होने उद्बोधन के दौरान कहा कि अब तक किसी भी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री इतनी देर नहीं रहा होगा मैं आप लोगों के बीच अपनी समस्याओं को सुनने और उसका समाधान करने आया हुं।

वहीं मुख्यमत्री ने सिवनी कलेक्टर गोपाल चंद डॉड को कहा कि वे आज दिनांक से लेकर 31 अक्टूबर तक बी-ंउचय1 एवं खसरा सभी के घर-ंउचयघर फ्री में पहुंचा देवें। साथ ही उन्होने राजस्व संबंधित जिले के समस्त अधिकारियों को निर्देश देते हुये तीन माह की अवधि के अंदर अविवादित, बंटवारा, सीमांकन और नामान्तरण के प्रकरण का निराकरण किया जावे, अन्यथा उन्हे एक लाख रूप्ये का जुर्माना किया जावेगा। साथ ही उन्होने कहा कि यदि तीन माह की अवधि के पश्चात अविवादित बंटवारा, सीमांकन और नामान्तरण के प्रकरण लाने वाले व्यक्ति को एक लाख रूप्या ईनाम दिया जायेेगा। एवं कहा कि ईनाम की राशि संबंधित अधिकारी के वेतन से काटी जावेगी। जिसकी लापरवाही से यह प्रकरण लंबित रहा है। साथ ही उन्होने कृषि की आय को दुगना करना प्रदेश के किसानों के लिये सिर्फ नारा नहीं रहेगा।

प्रदेश सरकार इसके लिये प्रतिबद्ध है। हम निश्चित रूप से प्रदेश में कृषि को लाभ का धन्धा बनाके रहेंगे। कृषक प्रदेश की जनता के अन्नदाता हैं। और सभी के लिये देवता तुल्य हैं। कृषकों को शासन द्वारा बिना ब्याज के ऋण खाद बीज खरीदी में अनुदान स्वाइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से उचित बीज एवं खाद की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-ंउचयसाथ उचित मूल्य दिलाने के लिये शासन प्रतिबद्ध है। 11 सितंबर से प्रारंभ हुई भावान्तर योजना के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण भारतवर्ष में पहली बार ऐसी कोई योजना लाई गई है जो कृषक को उसके उत्पादन का उचित मूल्य दिलायेगी।

साथ ही उन्होने कहा कि 10 लाख से लेकर दो करोड़ रूप्ये खेती संबंधी लोन बैंक से दिलाया जावेगा एवं गारंटर शिवराजसिंह चौहान और भाजपा सरकार होगी। उन्होने कहा कि साहूकार के खिलाफ कानून कड़ा कानून बनाया जावेगा यदि साहूकार द्वारा मूल से ज्यादा लाभ लेने पर साहूकार को जेल भेजा जावेगा। उन्होने कहा कि भूमिहीन लोगों को मकान आवास उपलब्घ कराया जावेगा। 2022 तक हर गरीब का पक्का मकान बनेगा साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 15 अक्टूबर से स्वच्छता अभियान प्रारंभ किया जावेगा और 2 अक्टूबर तक चलेगा। लेकिन चिंतन का विषय यह है कि मुख्यमंत्री से उम्मीद आस लगाये किसानों को आखिरकार नरवस ही होना पड़ा।

उन्होने किसानों के कर्ज माफी से स्पष्ट इनकार कर नुकसानी का सर्वे होगा और मुआवजा मिलेगा, आप चिंता न करें जैसे शब्द बोलकर पल्ला -हजयाड़ लिया। और अपनी सरकार की योजनाओं का खूब बखान किया। जैसे प-सजय़ने वाले छात्र-ंउचयछात्राओं के लिये साईकिल, ड्रेस, फीस छात्राओं को बारहवी में 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने पर किसी भी कालेज में प्रवेश के बाद पूरी फीस का खर्चा सरकार उठायेगी। जैसी अनेकों पुरानी योजनाओं का उनके द्वारा बखान किया गया। कुल मिलाकर अल्प वर्षा के कारण चिंतित किसानों को मुख्यमंत्री ने कृषि वैज्ञानिकों के माध्यमों से किसानों को अगली फसल कौन सी बौना है और किस तरह से बौना है इसके बारे में जानकारी दिलाई।

मुख्यमंत्री द्वारा ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की गई जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ी हो। अधिकांशतः किसान निराश ही अपने घर वापस हुये। न ही मुख्यमंत्री ने किसानों और स्थानीय विधायक रजनीशसिंह की अति आवश्यक मांग थी कि छिंदवाड़ा जिले में बनें माचागोरा बांध से भीमग-सजय़ बांध में पानी गिराये जाने का जिक्र भी नहीं किया। कुल मिलाकर किसानों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनके जख्मों में मरहम लगायेंगे, लेकिन उन्होने ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की जिससे किसानों को थोड़ी भी राहत महसूस हुई हो। वहीं पुराने अलाप की सर्वे होगा ही, मुआवजा मिलेगा ही लेकिन इसकी कोई समय सीमा नहीं बताई कि कबसे सर्वे प्रारंभ होगा और कब तक किसानों को मुआवजा मिलेगा।

कुल मिलाकर 15 से 20 हजार जनता जिसमें अधिकतर किसानों की भावनाओं भले ही वे सम-हजय गये कि इतनी मात्रा में किसान भाई आये लेकिन उन्होने ऐसी कोई भी घोषणा नहीं की जिससे किसान संतुष्ट हुये हों। इस कार्यक्रम को देखकर यहि प्रतीत हुआ कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अगली बोई जाने वाली कम पानी की फसल के बारे में किसानों को अधिक से अधिक जानकारी देना था। और किसानों को आगाह कराना था कि रबी की फसल के सीजन में ऐसी कोई फसल न बोया जावे जिसमें अधिक पानी की आवश्यकता हो। कुल मिलाकर यह कार्यक्रम भारतीय जनता पार्टी के हिसाब से सफल रहा है। परंतु किसानों के हिसाब से असफल ही साबित हुआ।

Monday, September 25, 2017

इस लड़की की खूबसूरती बनी उसकी दुश्मन और 5 मिनट में चली गई जॉब

TOC NEWS

महिलाओं की सुंदरता ही उसका आभूषण होता है। लेकिन लंदन में एक टीवी चैनल पर काम करने वाली एक लड़की की नौकरी उसकी सुंदरता की वजह से चली गई। अपनी खूबसूरती से महिला हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है। लेकिन आज हम जिस लड़की के बारे में बता रहे हैं उसका मामला कुछ अलग है।

लड़की को सिर्फ इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि वह बहुत अधिक खूबसूरत थी। डेली मेल के अनुसार 24 साल की एमा हल्से एक प्रोडक्शन फर्म यूनिट टीवी में काम करती थी।

उसे यूनिट टीवी में फ्रीलांस रनर के तौर पर नौकरी मिली थी, लेकिन काम करने के बस 5 मिनट बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया।

नौकरी से निकाले जाने के बाद एमा ने कंपनी पर आरोप लगाया कि उसे नौकरी से इसलिए निकाला गया क्योंकि वह बहुत सुंदर दिखती है।

मैनेजर ने उसे टीवी में नौकरी के बजाए मॉडलिंग में करियर बनाने की सलाह ही और उसे घर पर ड्रिंक का ऑफर दिया। हालांकि इससे एमा बहुत निराश है।

वो कहती है कि मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है कि असल में हुआ क्या है। एमा कहती है कि उसने ऑफिस में कोई आपत्तिजनक कपड़े भी नहीं पहने थे, बावजूद इसके उन्हें इस तरह से जॉब से निकाला गया। हालांकि कंपनी ने इससे इंकार किया है।

युवा सरपंच रणजीतसिंह ठाकुर की कुशल एवं सक्रिय कार्यप्रणाली से हुआ मॉडल पंचायत भवन का निर्माण


  • प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ मॉडल ग्राम पंचायत का हुआ लोकार्पण

     कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ लोकार्पण कार्यक्रम


TOC NEWS // देवराज डेहरिया

सिवनी- जिले के केवलारी विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत खैरा पलारी में युवा सरपंच रंणजीतसिंह ठाकुर की कुशल एवं सक्रिय कार्यप्रणाली के चलते प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ नवनिर्मित मॉडल ग्राम पंचायत भवन का लोकार्पण विगत 15 सितंबर को कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन द्वारा किया गया।

ज्ञात होवे कि सिवनी जिले की 8 जनपदों की लगभग 613 ग्राम पंचायतों में सबसे उन्दा मॉडल ग्राम पंचायत खैरा पलारी का निर्माण युवा सरपंच रणजीत सिंह के प्रयासों से हुआ है। रणजीत सिंह ठाकुर अपनी सक्रिय कार्यप्रणाली के लिये पूरे जिले में जाने जाते है। ग्राम में जनचर्चा है कि जबसे ग्राम पंचायत में सरपंच पद का प्रभार रणजीतसिंह ठाकुर को मिला है तबसे पंचायतों में कई निर्माण कार्य हुये है। साथ ही शासन की कल्याण कारी योजनाओं का लाभ ग्राम के लोगों को मिल रहा है।

लोकार्पण कार्यक्रम में इनकी रही उपस्थिति

लोकार्पण कार्यक्रम में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष मीना बिसेन, जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चतुर्वेदी, केवलारी जनपद अध्यक्ष रंजना शशिकांत ठाकुर, जिला पंचायत सदस्य उषा दयाल पटेल, पूर्व जिलाध्यक्ष वेदसिंह ठाकुर, भाजापा जिला उपाध्यक्ष श्रीराम ठाकुर, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष मुकेश बघेल, किसान मोर्चा महामंत्री तुलसीराम ठाकुर, भाजपा मंडल अध्यक्ष बसंत ठाकुर, सिवनी नगर अध्यक्ष नरेन्द्र (गुड्डू) ठाकुर, पार्षद द्वय अभिषेक दुबे, अखिलेश रजक एवं महिला आयोग सखी रानी बघेल समेत मंडी सदस्य ब्रजमोहन पटेल, पूर्व सरपंच रघुराजसिंह ठाकुर, जगदीश चौरसिया, मनोहरलाल अग्रवाल, सुखवती भलावी सहित पंचायत सचिव एवं उपसरपंच, रोजगार सहायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों, अधिकारी समेत हजारों की संख्या में उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

मनरेगा एवं स्टाम्प ड्यूटी से हुआ मॉडल ग्राम पंचायत भवन का निर्माण

मध्यप्रदेश की पहली सर्वसुविधा युक्त मॉडल ग्राम पंचायत भवन मनरेगा एवं स्टाम्प ड्यूटी से 14.85 लाख रूपये स्वीकृत हुआ था। स्टीमेट के आधार पर 1984 वर्ग फिट का निर्माण कार्य होना था। परंतु सरपंच रणजीतसिंह के अथक प्रयासों से तीन हजार वर्ग फिट में हुआ शानदार भव्य निर्माण कार्य।

जनप्रतिनिधियों का उद्बोधन

कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन ने अपने संबोधन के दौरान युवा सरपंच के कुशल व सक्रिय कार्यप्रणाली एवं नवनिर्मित मॉडल ग्राम पंचायत की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा करते हुये पुरूष्कार के रूप में एक लाख रूप्ये की राशि पंचायत भवन में फर्नीचर हेतु प्रदाय की, साथ ही उन्होने उपस्थित सरपंचों से युवा सरपंच रणजीतसिंह ठाकुर से प्रेरणा लेकर विकास कार्य करने का मसवरा दिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष मीना बिसेन - मॉडल ग्राम पंचायत भवन के निर्माण को मध्यप्रदेश का सर्वश्रेष्ठ भवन का करार देते हुये कहा कि सिवनी जिले के लिये गर्व की बात है। एव ंहमेशा समय-समय में समस्त विकास कार्यों में सहयोग देने की बात कही।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष चंद्रशेखर चतुर्वेदी - युवा सरपंच मेरे छोटे भाई रणजीतसिंह ठाकुर के उत्कृष्ट कार्य की सराहना करते हुये जिले का नाम प्रदेश स्तर पर रोशन करने के लिये बधाई दी और ऐसे हो रहे विकास कार्य करने के लिये शुभकामनाएं दी।
जनपद अध्यक्ष रंजना शशिकांत ठाकुर - मुझे इस भवन के लोकार्पण के समय गौरव महसूस हो रहा है कि, जनपद अध्यक्ष होने के साथ-साथ मैं इस वार्ड की जनपद सदस्य भी हुॅं और हमारे सरपंच द्वारा भव्य निर्माण कार्य से मेरे वार्ड नहीं अपितु पूरे जनपद क्षेत्र में सर्वत्र इसकी प्रशंसा की जा रही है। ऐसे ही उत्साह पूर्वक विकास किये जाने हेतु समस्त उपस्थित सरपंचों से अपेक्षा जताई।
भाजापा जिला उपाध्यक्ष श्रीराम ठाकुर - ग्राम पंचायत में हमारे भाजापा युवा मोर्चा के पूर्व मंडल अध्यक्ष भाई रणजीतसिंह ठाकुर द्वारा जिले में उत्कृष्ट कार्य कराये जा रहे हैं। जो हमारे लिये गर्व का विषय है। इन्होने उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि ऐसे उत्साही एवं विकास कार्य के प्रति दृण संकल्पित सरपंच का सभी प्रकार से सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान करने की अपेक्षा जताई।
रणजीतसिंह ठाकुर सरपंच - कार्यक्रम में ग्राम पंचायत के लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित समस्त जनप्रतिनिधियों एवं उपस्थित जनसमुदाय का आभार प्रदर्शन करते हुये अपने सम्बोधन में कहा कि पंचायत के इस कार्यक्रम में आपकी उपस्थिति ने मेरे अंदर दोगुना उत्साह संचार कर दिया है। मैं आगे भी ऐसे ही ईमानदारी एवं कार्यनिष्ठा से शासन प्रशासन के आपेक्षित सहयोग से पंचायत के विभिन्न विकास कार्य करता रहूंगा।

विगत ढाई वर्ष में किये गये विकास कार्य एवं उपलब्धि 

केवलारी विकासखण्ड के अंतर्गत एक मात्र ग्राम पंचायत खैरा जहां विकास की गंगा तेजी से बहती नजर आ रही है। देखा जाये तो नव निर्वाचित सरपंच रणजीत ठाकुर समेत पंच एवं अन्य पंचायत कर्मिर्यों ने अपने ढा़ई साल के कार्यकाल में मॉडल ग्राम पंचायत भवन निर्माण, अपनी पंचायत को स्वच्छ बनाये रखने हेतु साफ-सफाई से लेकर, सागर नदी के तट पर पांच सीढ़ी घाट निर्माण, आर.सी.सी. वाल निर्माण, आंगनवाड़ी भवन निर्माण, शांतिधाम में गेट एवं चबूतरा निर्माण, सी.सी. रोड निर्माण, कांक्रीट नाली निर्माण, किसानो के लिये खेत पहुंच मार्ग निर्माण, ग्राम चांवरमारा में सी.सी. रोड सह नाली निर्माण, पुलिया निर्माण, ग्राम पंचायत खैरा एवं मैरा के बीच में से प्रवाह करने वाली सागर नदी में बाल निर्माण, ग्राम खैरा में पाईप लाइर्न विस्तार, प्राथमिक शाला खैरा में बाउंडरी बाल निर्माण, तीन खेल मैदान समतली करण, सुदूर संपर्क मार्ग निर्माण खैरा एवं चांवरमारा,, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्वारा शौंचालय विहीन परिवारों के यहां समय सीमा के पहले शौंचालय निर्माण करवाया गया है। वहीं प्रधानमंत्री आवास निर्माण 30 सितंबर तक पूर्ण करने वाली पहली पंचायत होगी। ऐसे अनेक विकास कार्य किये जा रहे हैं। यहि नहीं बल्कि शासन द्वारा चलाई जा रही जनहितकारी महात्वकांक्षी योजनाओं के क्रियान्वयन में अग्रसर होकर ग्रामवासियों को योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।

अतिआवश्यक पांच सूत्रीय मांगों को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह एवं विकास कार्य से संबंधित मुख्य रूप से पांच सूत्रीय मांग पत्र कृषि मंत्री गौरी शंकर बिसेन के द्वारा पहंुचाने का आग्रह किया गया।
पहली मांग- विगत चार वर्षों से शासन द्वारा मुख्यमंत्री हाट बाजार स्वीकृत किया गया था किन्तु अभी तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। क्षेत्रवासियों की सुविधा हेतु निर्माण कार्य शीघ्र अति शीघ्र प्रारंभ किया जाये।
दूसरी मांग- कि बस स्टेण्ड में सिंचाई विभाग के आधीन बेकार पड़ी भूमि को प्राथमिकता के आधार पर पंचायत को आवंटित किया जावे, ताकि उक्त भूमि पर क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को रोजगार दिलाने हेतु शॉपिंग काम्पलेक्स, यात्री प्रतिक्षालय एवं शुलभ शौंचालय इत्यादि का निर्माण कार्य कराया जा सके।
तीसरी मांग - चूंकि ग्राम खैरा में लगभग 30-35 ग्रामों से छात्रायें अध्ययन करने आतीं हैं किन्तु कई वर्षों से विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा कन्या हाई स्कूल का उन्ययन हायर सेकेण्डरी में करने का प्रयास किया जा रहा है। अतः तत्काल किया जावे।
चौथी मांग- लगभग 100 आवासहीन परिवार सड़को के किनारे झुग्गी-झोपड़र में निवास कर रहें हैं, अतः उनकों पट्टा प्रदान करने हेतु दो हे. भूमि ग्राम पंचायत आवास हेतु उपलब्ध कराई जाये।
पांचवी मांग - चूंकि पलारी क्षेत्र पूर्णतः कृषि पर आधारित क्षेत्र है किन्तु बार-बार मांग किये जाने के पश्चात भी हायर सेकेण्डरी स्कूल में कृषि संकाय प्रांरभ नहीं किया गया है, तत्काल अगले सत्र में प्रारंभ किया जावे।

आश्वासन के बाद भी नहीं आ सकेे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का कार्यक्रम पलारी में कृषि उपज मंडी तय होते ही कृषि मंत्री से सरपंच रणजीतसिंह ठाकुर समेत समस्त क्षेत्रीयजन प्रतिनिधियों द्वारा मॉडल ग्राम पंचायत भवन का लोकार्पण में प्रदेश के मुखिया के द्वारा कराया जाने का आग्रह किया गया था। एवं मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा मुख्यमंत्री को लाने का पूर्ण भरोषा दिलाया गया था किन्तु अंतिम समय में उनके आने का कार्यक्रम स्थगित हो गया जिससे क्षेत्रीय प्रतिनिधियों में निराशा रही।

Saturday, September 23, 2017

सहकारी मंत्री विश्वास सारंग से मिले पत्रकार


बैतूल ब्रेकिंग न्यूज़। TOC news
बैतूल सेवा  सहकारी समितियों द्वारा पत्रकारों को विज्ञापन नहीं देने के विरोध में आज दिनांक 23/09/2017 को बैतूल पहुंचे राज्य सहकारी मंत्री से सर्किट हॉउस में 10 मिनट से अधिक वार्तालाप की गयी,
जिसमें पत्रकारों को हो रहीं विज्ञापन की राशि नहीं मिलने पर विरोध जताया, और *डिप्टी रजिस्टार एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरसोला* की लिखित शिकायत की गयी जिसमें  इन अधिकारियों द्वारा समितियों पर दबाव बनाकर विज्ञापन पर रोक लगा दिया था,
जबकी समिति स्वयं सक्षम होती है अपने कार्यो का निर्णय लेने के लिए इतना ही नहीं सूत्र प्रबंधको की माने तो इन अधिकारियों द्वारा समितिओ के दौरे करने पर 5,000 से 10,000 रुपयों की राशि खर्चों के नाम पर समितियों
 से अवैध वसूली की जाती है और  तो और सालाना मोटी रकम (कमीशन) एठने तक की बात सामने आयी है,
मंत्री विश्वास सारंग ने आवेदन को गंभीरता से लेते हुए पत्रकारों को विज्ञापन देने की व आवेदन पर कार्यवाही करने की बात कही है!

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