मानवाधिकार संबंधी विषयों पर कार्यशाला का हुआ आयोजन
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नरसिंहपुर, 14 जुलाई 2017. राज्य शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के निर्देशानुसार मानवाधिकार संबंधी विषयों पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला विधायक जालम सिंह पटैल के मुख्य आतिथ्य में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शुक्रवार को आयोजित की गई। श्री पटैल ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में दीप प्रज्जवलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
कार्यशाला में मानवाधिकारों के बारे में समाज में जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया और मानवाधिकारों से संबंधित कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी गई। मानवाधिकार संबंधी विषयों, शिकायत निवारण तंत्र व संवैधानिक प्रावधानों पर कार्यशाला में चर्चा की गई। कार्यशाला में बताया गया कि मानव अधिकारों का अर्थ है, जीवन, स्वतंत्रता, समानता तथा व्यक्ति की गरिमा से संबंधित अधिकार। मानव अधिकार के उल्लंघन की शिकायत कैसे करें, इस बारे में भी कार्यशाला में बताया गया।
कार्यशाला में विधायक श्री पटैल ने कहा कि मानव अधिकारों का संरक्षण हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। हमारी संस्कृति में न केवल मानव अधिकारों, बल्कि जीव- जंतुओं, पशु- पक्षियों, पेड़- पौधों, वनस्पतियों और जल के संरक्षण पर भी जोर दिया गया है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि मानव अधिकारों का हनन नहीं हो। मानवाधिकारों के संरक्षण के बारे में समाज में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। युवाओं को हमारे पुरातन उदात्त संस्कारों को अपनाना चाहिये और कानून का पालन करना चाहिये। श्री पटैल ने जनसंख्या वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के निदान पर जोर दिया।
अपर कलेक्टर जे समीर लकरा ने कहा कि सुशासन के माध्यम से मानव अधिकारों का संरक्षण प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। सुशासन की दिशा में जिले में अच्छा काम किया जा रहा है। सुशासन से शासकीय कार्यालयों में काम की गति बढ़ी है और शासन द्वारा मुहैया कराई जा रही सेवायें एवं सुविधायें लोगों को आसानी से मिल रही हैं। लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ सरलता से प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बाल संरक्षण और बुजुर्गों, महिलाओं के प्रति सम्मान एवं आदर की भावना रखने पर जोर दिया।
आयोग मित्र कुशलेन्द्र श्रीवास्तव ने संयुक्त राष्ट्र संघ के मानव अधिकार घोषणा पत्र, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, मध्यप्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग, मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि मानव अधिकारों से जुड़ी समस्याओं को समाज में जागरूकता बढ़ाकर दूर किया जा सकता है। उन्होंने वृद्धावस्था, बाल मजदूरी और लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी समस्याओं के निराकरण पर जोर दिया।
आयोग मित्र आरती शर्मा ने कहा कि मानव अधिकार गंभीर विषय है। इसके बारे में समाज में जाग्रति लानी होगी। उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम एवं शिक्षा की गुणवत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को सही और गलत के भेद के बारे में समझाइश देनी चाहिये।
जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी प्रभात कनौजे ने कहा कि हमें अपने अधिकारों के साथ- साथ कत्र्तव्यों के निर्वहन एवं नियमों के पालन पर भी ध्यान देना होगा। मानव अधिकारों के संरक्षण की दिशा में सुशासन के माध्यम से प्रभावी कार्य किया जा सकता है। कार्यशाला में मुख्य नगर पालिका अधिकारी नीरज श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, संध्या सरेयाम एवं राजेन्द्र शर्मा, मदन तिवारी, चीचली के नीरज ताम्रकार ने मानव अधिकारों से संबंधित विषयों पर अपने- अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यशाला में अध्यक्ष नगर परिषद चीचली सुधा ताम्रकार, एसडीएम जीएस धुर्वे व महेश कुमार बमनहा, एसडीओपी नरेश शर्मा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी ओपी झा एवं राजीव लोचन कटारे, जिले के सभी नगरीय निकायों के पार्षदगण, जनप्रतिनिधि, मीडिया प्रतिनिधि और नागरिकगण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक उदेनिया और आभार प्रदर्शन प्रभात कनौजे ने किया।
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